दशहरा पर्व का आगाज बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में किया जाता है, और इस उत्सव की तैयारी अब अंतिम दौर में है। शहर की कालोनियों और ऐतिहासिक मैदानों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन की तैयारी हो रही है। गलियों और मोहल्लों में पांच से 20 फीट के पुतलों का दहन किया जाएगा, जबकि ऐतिहासिक दशहरा स्थल पर 60 से लेकर 110 फीट तक के पुतले जलाए जाएंगे। इस साल, विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे, लेकिन कोलकाता और मुंबई में आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र रहेगा। नशा रूपी रावण का दहन नशा छोड़ो युवा जोड़ो, नशा मुक्ति महाअभियान के संयोजक भगवानू नायक ने बताया कि नशा रूपी रावण का दहन करके नशा से दूर रहने का संदेश दिया जाएगा। नशा आज समाज का सबसे बड़ा रावण बन गया है। छत्तीसगढ़ नगर छत्तीसगढ़ नगर दशहरा उत्सव समिति के नेतृत्व में 60 फीट का रावण और 35-35 फीट के कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले का दहन किया जाएगा। आतिशबाजी और मेला का आनंद लिया जा सकेगा। 50 फीट ऊंचे रावण के साथ एक घंटे तक की आतिशबाजी सांस्कृतिक और सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति सुंदर नगर कालोनी के दशहरा मैदान में इस बार 50 फीट ऊंचे रावण दहन का दहन किया जाएगा। इसके साथ एक घंटे तक आकर्षक आतिशबाजी की जाएगी। समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय दुबे ने बताया कि मंगलवार को शाम 5.30 बजे से शुरू होगा। डब्ल्यूआरएस मैदान महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि इस साल आचार संहिता का पालन किया जा रहा है। भव्य मंच नहीं बनेगा। गांवों से आने वाले लोग मेला घूमने का आनंद लेंगे। आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होगा। डब्ल्यूआरएस कालोनी में 53 साल से रावण दहन किया जा रहा है। इस साल प्रतिमा की ऊंचाई 110 फीट रखी गई है, जो प्रदेश का सबसे ऊंचा रावण का पुतला होगा। कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की ऊंचाई 85-85 फीट है। रावणभाठा मैदान सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति दूधाधारी मठ रावणभाठा के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि दूधाधारी मठ के मार्गदर्शन में 60 फीट का रावण का पुतला दहन किया जाएगा। इससे पूर्व रामलीला का मंचन होगा और आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र होगी। दूधाधारी मठ से बालाजी की पालकी और श्रीरामजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा रावणभाठा मैदान पहुंचेगी, जहां अखाड़ा के कलाकार करतब दिखाएंगे। रामलीला में रावण वध प्रसंग के साथ ही पुतला दहन किया जाएगा। मैदान में मेला घूमने का आनंद लिया जा सकेगा। सप्रे शाला मैदान बूढ़ापारा स्थित सप्रे शाला मैदान में 50 फीट का रावण और 45-45 फीट के कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले जलाए जाएंगे। दोपहर से ही बच्चे, युवा पतंगबाजी का आनंद लेंगे। इसके अलावा चौबे कालोनी, कटोरातालाब, लाखेनगर, रामकुंड, विवेकानंद आश्रम, मोवा, पचपेड़ी नाका, गुढ़ियारी, बिरगांव आदि इलाकों में रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। सरजू बांधा तालाब टिकरापारा के सरजूबांधा तालाब के किनारे 15 फीट का रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। श्मशानघाट विकास समिति के अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया कि नन्हे मुन्ने बच्चे राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान एवं अन्य धार्मिक पात्रों का रूप धारण करेंगे। दोपहर र्मे बच्चों के पतंग काटने, उड़ाने की प्रतियोगिता भी होगी।