सूरजपुर : घुई रेंज में बाघ की मौत, दांत और नाखून गायब
सूरजपुर, 15 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के घुई वन परिक्षेत्र में एक बाघ का शव मिलने से वन महकमे में हड़कंप मच गया है। शरीर पर गहरे घाव और दांत-नाखून गायब होने से यह मामला सामान्य मौत का नहीं, बल्कि अवैध शिकार से जुड़ा माना जा रहा है। घटना गुरु घासीदास-तैमोर-पिंगला टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत हुई है, जहां बाघों की नियमित आवाजाही दर्ज की जाती रही है।
जानकारी अनुसार, सोमवार सुबह ग्रामीणों ने घुई वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 705 में एक बाघ को मृत अवस्था में देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। जानकारी मिलते ही विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र को सुरक्षित किया। प्रारंभिक निरीक्षण में बाघ की पीठ पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए, जिससे संघर्ष या फंसने की आशंका जताई जा रही है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बाघ के दांत और नाखून मौके पर नहीं मिले। इसी आधार पर अंदेशा है कि बाघ किसी अवैध फंदे में फंस गया था, जिसे ग्रामीणों या शिकारियों ने जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाया होगा। मौत के बाद शिकारियों द्वारा उसके दांत और नाखून निकाल लिए जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है, हालांकि इस विषय में वन विभाग के अधिकारी फिलहाल स्पष्ट टिप्पणी से बच रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जिस बाघ की मौत हुई है, वह वन विभाग के रिकॉर्ड में ट्रेस नहीं था। आशंका है कि वह घुई जंगल से सटे बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर या बिहारपुर वन परिक्षेत्र की ओर से होते हुए इस रेंज तक पहुंचा होगा। यह इलाका मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के वन क्षेत्रों को जोड़ने वाला प्राकृतिक गलियारा माना जाता है, जहां बाघों का आवागमन पहले भी दर्ज किया जा चुका है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने पशु चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुलाकर पोस्टमॉर्टम कराया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभागीय नियमों के तहत बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वन विभाग ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है और शिकार से जुड़े पहलुओं की गहराई से पड़ताल की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय

