कुरुद क्षेत्र में भाठागांव की तर्ज पर बनेगा नया मिल्क चिलिंग प्लांट

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कुरुद क्षेत्र में भाठागांव की तर्ज पर बनेगा नया मिल्क चिलिंग प्लांट


धमतरी, 2 अप्रैल (हि.स.)। धमतरी जिले में दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए डेयरी व्यवसाय और मिल्क रूट स्थापना के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विधानसभा मे की गई घोषणा पर अमल करते हुए कुरूद क्षेत्र में जल्द ही नया मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित की जाएगी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने दो अप्रैल को इसके लिए तेजी से कार्ययोजना बनाने के निर्देश पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने भाठागांव में पहले से ही संचालित देवभोग के दुग्ध शीत केंद्र का अवलोकन किया और दूध के शीतलीकरण की प्रक्रिया की जानकारी मौजूद अधिकारियों से ली।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री और कुरूद के वर्तमान विधायक अजय चन्द्राकर की मांग पर विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कुरुद में नया मिल्क चिलिंग प्लांट खोलने की घोषणा की है। कलेक्टर ने भाठागांव के देवभोग चिलिंग प्लांट में दूध शीतलीकरण के लिए स्थापित की गई मशीनों का भी अवलोकन किया। उन्होंने देवभोग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों से चिलिंग प्लांट तक दूध एकत्रित कर लाने की व्यवस्था की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने चिलिंग प्लांट को संचालित करने के लिए जरूरी विद्युत की मांग, आधारभूत संरचनाओं आदि की भी जानकारी ली। उन्होंने नये चिलिंग प्लांट के लिए प्रस्ताव एवं प्राक्कलन तैयार कर जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

केंद्र सेमरा बी, मुजगहन और भाठागांव में पहले से संचालित हैं प्लांट

भाठागांव चिलिंग प्लांट के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जिले में ऐसे तीन केंद्र सेमरा बी, मुजगहन और भाठागांव में स्थापित किए गए हैं। देवभोग को इन प्लांटों से प्रतिदिन लगभग सात हजार लीटर प्रति केंद्र दूध की आपूर्ति की जाती है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन तीनों केंद्रों में जिले के दो हजार एक सौ पंजीकृत दुग्ध उत्पादक पशुपालकों से दूध का कलेक्शन कर उसका शीतलीकरण किया जाता है। दूध इकट्ठा करने के लिए दुग्ध उत्पादक समितियां निर्मित की गईं हैं। गांव-गांव से दूध इकट्ठा कर चिलिंग प्लांटों में लाया जाता है। इन प्लांटों में दूध को शीतल कर खराब होने से बचाया जाता है और देवभोग के सुसज्जित एवं सुरक्षित टैंकरों के माध्यम से प्लांट में भेजा जाता है, जहां इस दूध की पैकेजिंग और अन्य उत्पाद जैसे घी, पनीर, दही, मठा, खोवा आदि बनाए जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा