चरस तस्करी मामले में दो को बारह वर्षों का सश्रम कारावास
पूर्वी चंपारण,11 दिसंबर (हि.स.)।एनडीपीएस न्यायालय प्रथम के विशेष न्यायाधीश रेशमा वर्मा ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद दो अभियुक्तों को बारह बारह वर्षों का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को दो लाख पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनायी है। अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
सजा पश्चिम चंपारण के सेमराघाट सरिसवा बाजार निवासी फरमान अंसारी के पुत्र इसरफिल मंसूरी एवं गोपालपुर थाना के महेशड़ा निवासी जोखू मियां के पुत्र इद्रीश मियां उर्फ इद्रीश ठाकुर को हुई है। मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना ने विभागीय वाद PZU/V/11/2020 दायर किया था, जिसमें 47वीं एसएसबी पंटोका रामगढ़वा के तत्कालिन सामान्य निरीक्षक राजकुमार ने लिखित बयान दर्ज कराया था,जिसमें कहा था कि 10 अक्टूबर 2020 को गुप्त सूचना मिली कि नेपाल के विश्वा गांव की ओर से धुतहा मठ होकर सेमरा हाट सरिसवा बाजार तक एक सफेद रंग के पिकअप से मादक पदार्थ का तस्करी होता है। सूचना के आलोक में धुतहा मठ के समीप पुलिस नाका लगा दिया गया। रात्रि करीब दस बजे एक पिकअप उसी रास्ते से आई। पुलिस बल ने उसे रोकना चाहा परंतु वह भागने लगा। इसी बीच आगे लगे ड्यूटी जवानों ने पिकअप सहित चालक इस्राफील मंसूरी को धर दबोचे। वहीं स्कॉट कर रहे दूसरे अभियुक्त इद्रीश मियां भाग गया।जांच के दौरान दस पॉकेट में पचास किलो चरस बरामद हुआ।
निरीक्षक ने जप्त चरस व गाड़ी सहित चालक को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना को सौंप दिया। एनडीपीएस वाद संख्या 55/2020 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक एनसीबी निर्मल कुमार ने सात गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य रखा। न्यायाधीश ने धारा 20(बी)ii (सी) एवं 25/29 एनडीपीएस एक्ट में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

