पटना साइंस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुमार ने परीक्षार्थियों का किया मार्गदर्शन
अररिया 29 नवम्बर(हि.स.)।
पटना साइंस कॉलेज के प्राध्यापक एवं पूर्व डीएसपी डॉ. अखिलेश कुमार ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों के मार्गदर्शन व उनके उज्जवल भविष्य को लेकर शुक्रवार को कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया।फारबिसगंज बगीचा चौक स्थित एसजी टीचिंग सेंटर में निदेशक राशिद जुनैद की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. अखिलेश कुमार, निदेशक राशिद जुनैद, विजडम मैनेजमेंट हेड एसपी सिंह, शिक्षक विशाल प्रियदर्शी, राजकुमार यादव, ललन मंडल, करण साह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के संदर्भ में शिक्षक विशाल प्रियदर्शी ने बताया कि आगामी माह में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों के मार्गदर्शन हेतु डॉ. अखिलेश कुमार सर का मार्गदर्शन काफी आवश्यक महसूस होता है। डॉ. अखिलेश कुमार की प्रेरणा से आज सैकड़ों बच्चे अपने शैक्षणिक मार्ग को सुलभ कर पा रहे है। वही इनके मार्गदर्शन में देशभर के बच्चे सिविल सर्विसेज सहित अन्य परीक्षाओं का नि:शुल्क मार्गदर्शन प्राप्त कर सरकारी सेवा में योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व डीएसपी डॉ अखिलेश ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा सुविधा का कम होना कभी भी आपकी कामयाबी में बाधा नहीं होती।
कामयाबी वास्तव में आपके जज्बे और मेहनत पर निर्भर करती है। आप अगर लगनशील होंगे तो सफलता आपकी तय है। अभी आपका पहला उद्देश्य बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करना है। उसके लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी के कई टिप्स दिए। साथ ही उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों को सीयूइटी के माध्यम से आगे की पढाई के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी जाने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने आर्ट्स और विज्ञान विषय के छात्रों को उनके कैरियर से संबंधित प्रश्नों का काफी सहजता से जवाब देते दिखे।
उन्होंने बच्चों को एनसीईआरटी, एससीईआरटी, बीटीबीसी की पुस्तक का अध्ययन करने पर अधिक बल देते बताया कि एक सुदूर गांव में का छात्र और दिल्ली और मुंबई के बड़े संस्थानों के बच्चे दोनों एक ही एनसीईआरटी पढ़ते हैं। यही कारण है सुविधाविहीन छात्र भी बड़े पदों पर पहुंच पाते है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस स्थिति में है। बल्कि आप कितनी लगन से पुस्तक से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं और अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन को अपने जीवन में कितना सकारात्मक उतार पाते हैं,ये आवश्यक है। एक छात्रा के सवाल पर उत्तर देते हुए कहा कि भौतिक सुख से मेरा कोई खास औचित्य नहीं है। इसलिए मैंने डीएसपी जैसे पद को त्याग कर शिक्षक के रूप में अपना कैरियर बनाने को महत्व दिया।
शिक्षक राजकुमार यादव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में जो ऊर्जा का विकार होता है, वह उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काफी लाभकारी होता है। वही इस मौके पर अतिथि के रूप में प्रमोद कुमार, शिक्षकों में मुख्य रूप से करण साह, विशाल प्रियदर्शी, राजकुमार यादव, ललन कुमार, सहित छात्र-छात्राएं में सोहेल, निर्भय, शना सहित दर्जनों उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर