पत्नी साथ खेतों में पहुंचे डीएम , किसानों से लिया फसल और योजनाओं का ग्राउंड रिपोर्ट
गोपालगंज, 8 दिसंबर (हि.स.)।पदस्थापन के बाद से ही जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा अपनी कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। कारण साफ है। डीएम साहब सिर्फ दफ्तर की फाइलों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि गांव-गांव जाकर लोगों से सीधे संवाद करते हैं, स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हैं और खेतों में किसानों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनते हैं। यही वजह है कि प्रशासनिक जगत में उनकी छवि एक जमीनी, सक्रिय और संवेदनशील अधिकारी के रूप में तेजी से उभर रही है।
डीएम पवन कुमार सिन्हा अपनी पत्नी डॉ अंजना कुमारी के साथ हथुआ अनुमंडल के खैरटिया टोला लोहरटोली गांव पहुंचे। यहां वे किसानों द्वारा केले, पपीता, बैंगन, लहसुन और मूली की फसल को वैज्ञानिक विधि से उगाए जाने का निरीक्षण कर रहे थे। खेतों में हरियाली और किसानों की मेहनत देखकर डीएम बेहद भावुक दिखे।
ग्रामीणों ने जैसे ही डीएम और उनकी पत्नी को खेतों में उतरा देखा, पूरे गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई।
किसानों ने अपने बैठने के लिए जो चारपाई तैयार की थी, डीएम और उनकी पत्नी उस पर जाकर बैठ गए। इसके बाद किसानों की भीड़ चारों ओर लग गई। डीएम ने हर किसान को बुलाकर उसकी समस्या, लागत और बाजार से जुड़ी चुनौतियों को सुना। किसान मनोज कुमार कुशवाहा ने बताया कि गांव में अब परंपरागत धान-गेहूं की जगह केला, पपीता और अन्य सब्जियों की खेती बढ़ रही है। इससे गांव की आर्थिक स्थिति सुधरी है। किसानों ने यह भी कहा कि जिला उद्यान पदाधिकारी आकाश कुमार लगातार गांवों में जाकर योजनाओं को लागू करने में मदद कर रहे हैं।
इस दौरान डीएम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। फसल विविधीकरण, तकनीकी सशक्तिकरण, ई-किसान भवन और विभिन्न अनुदान योजनाएं उसी दिशा में एक मजबूत कदम हैं।
डीएम का खेती के प्रति लगाव कोई नई बात नहीं है। वे नालंदा जिले के एक किसान परिवार से आते हैं। बचपन से ही खेतों में काम करने का अनुभव और किसानों की समस्याओं से परिचित होने के कारण आज भी कृषि उनके दिल के बेहद करीब है।
उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दिनों में वे परिवार के साथ सब्जी की खेती में हाथ बटाते थे। यही कारण है कि खेतों में लहलहाती सब्जियों को देखते ही उन्हें अपना बचपन याद आ जाता है। आज भी वे अपने आवास परिसर की खाली जमीन में जैविक खेती करते हैं, जहां से सब्जियों की अच्छी पैदावार मिलती है। वे बताते हैं कि समय मिलने पर खेती से जुड़कर उन्हें सुकून मिलता है, और इसमें उनकी पत्नी डॉ अंजना कुमारी पूरा सहयोग करती हैं।
डीएम का सबसे खास पहलू यह है कि वे किसानों के साथ सीधा संवाद को अपनी दिनचर्या में शामिल रखते हैं। क्षेत्रीय निरीक्षण के दौरान वे खेतों में खड़ी फसलों की स्थिति देखते हैं, किसानों से बात करते हैं, और समस्याओं के तुरंत समाधान के निर्देश देते हैं। उनका मानना है कि किसान की बात सुनना ही प्रशासनिक सुधारों की सबसे बड़ी शुरुआत है।
उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना, कृषि को लाभकारी बनाना और युवाओं को आधुनिक खेती से जोड़ना है। डीएम के इस जमीनी निरीक्षण ने ग्रामीणों के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है। लोग कहते हैं कि ऐसा अफसर विरले ही मिलता है, जो चारपाई पर बैठकर किसानों से सीधा संवाद करे और खेतों की मिट्टी को महसूस करे।
डीएम ने कहा कि किसानों का उत्थान ही मेरी प्राथमिकता है। खेतों में जाकर समस्याएं समझने से बेहतर कोई तरीका नहीं। सरकार लगातार किसानों को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

