निमित्त अभ्यर्थियों एवं निर्वाचन अभिकर्ताओं के प्रशिक्षण एवं लेखा समाधान की बैठक 8 व 10 दिसंबर को
गोपालगंज, 5 दिसंबर (हि.स.)।बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन ने अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय से संबंधित अनिवार्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया है। 99-बैकुण्ठपुर, 100-बरौली, 101-गोपालगंज, 102-कुचायकोट, 103-भोरे एवं 104-हथुआ विधानसभा क्षेत्र के सभी अभ्यर्थियों व उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं को यह सूचना जारी कर दी गई है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 78 के अनुसार, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन व्यय का अंतिम लेखा जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर प्रशासन ने 8 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से अभ्यर्थियों एवं उनके अभिकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा 10 दिसंबर को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 5 बजे तक लेखा समाधान बैठक का आयोजन पंचायत संसाधन केंद्र में किया है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि अभ्यर्थियों को अपना व्यय लेखा पूर्ण दस्तावेजों सहित प्रस्तुत करना होगा, जिसमें दैनिक व्यय लेखा पंजी, बिल और वाउचर, व्यय से संबंधित सहायक दस्तावेज, एनेक्सचर ई-2 के अनुसार शपथ-पत्र, सार विवरण भाग-I से IV, तथा अनुसूची 1 से 11 तक की प्रतियां एवं उनका शामिल है। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी अभ्यर्थियों और उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं की उपस्थिति अनिवार्य है। प्रशिक्षण में व्यय लेखा तैयार करने, दस्तावेजों को व्यवस्थित रखने, तथा लेखा समाधान प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि या अभाव न रह जाए। अधिकारियों ने विशेष रूप से यह भी उल्लेख किया कि निर्वाचन परिणाम घोषित होने के बाद सभी दस्तावेजों और व्यय रजिस्टर की गहन जांच की जाएगी। जांचोपरांत अंतिम प्रतिवेदन भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाना अनिवार्य है। जो अभ्यर्थी निर्धारित समय-सीमा में अंतिम व्यय लेखा जमा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 ए के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें अभ्यर्थिता रद्द होने तक के प्रावधान शामिल हैं। प्रशासन ने कहा कि चुनावी खर्च में पारदर्शिता चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
व्यय के सटीक अभिलेख और समय पर रिपोर्टिंग लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं और निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं। जिला प्रशासन ने सभी अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित तिथियों पर समय से उपस्थित होकर प्रशिक्षण और लेखा समाधान प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करें, ताकि निर्वाचन व्यय से जुड़ी औपचारिकताओं को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

