पूसीरे और आईआईटी गुवाहाटी के बीच रणनीतिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
गुवाहाटी, 19 नवंबर (हि.स.)। संरक्षा, परिचालन दक्षता और स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक सहयोग में, पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (आईआईटीजी) के साथ चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बुधवार काे आईआईटी गुवाहाटी के परिसर में पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू हुआ। इस प्रतिष्ठित संस्थान का प्रतिनिधित्व करने के लिए आईआईटीजी के निदेशक प्रो. देवेन्द्र जालिहाल और अन्य सम्मानित प्रोफेसर और आईआईटीजी के प्रतिनिधिगण भी इस समारोह में मौजूद थे।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि यह सहयोग रेलवे के क्षेत्र और उसके बाहर मौजूद महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचारों का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एमओयू के अधीन शामिल विकास के मामलों में पहला, स्टैंड-अलोन हाई-स्पीड कैमरों का उपयोग कर मालगाड़ियों में टूटी और बिना टूटी सील का पता लगाने पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा। आईआईटी गुवाहाटी की विशेषज्ञता के साथ तैयार की गई इस प्रणाली का उद्देश्य चोरी को रोकना और माल के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित कर संरक्षा और परिचालिक दक्षता को मजबूत करना है।
दूसरा, एमओयू यात्रियों की सुरक्षा में बढ़ोतरी किए जाने से संबंधित है, जो संभावित आपराधिक गतिविधियों का पता लगाने और अधिकारियों को सूचना प्रदान करने के लिए एक चेहरा पहचान और चेतावनी प्रणाली के विकास पर केंद्रित है। अत्याधुनिक मशीन लर्निंग और एआई तकनीकों को नियोजित करके, यह पहल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा वातावरण तैयार करने में मदद करेगी। तीसरा समझौता ज्ञापन, ट्रेनों में अलार्म चेन पुलिंग तंत्र के लिए वास्तविक समय चेतावनी प्रणाली की शुरूआत से लंबे समय से चली आ रही परिचालिक चुनौती का समाधान करता है।
यह प्रणाली ट्रेन परिचालन के दौरान दबाव में गिरावट और आपातकालीन स्थितियों जैसे मुद्दों को कम करेगी, जिससे यात्रा सुगम होगी और परिचालन प्रबंधन में सुधार होगा। पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, चौथा समझौता ज्ञापन रेलवे कॉलोनियों, परिसरों और कोचिंग डिपो के लिए अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (ईटीपी) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों के विकास को लक्षित करता है। इस पहल से रेलवे परिसरों में स्वच्छ और हरित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे रेलवे समुदायों की समग्र खुशहाली में योगदान मिलेगा। ये सभी समझौता ज्ञापन एक साथ इस क्षेत्र में रेलवे परिचालन की दक्षता, संरक्षा और स्थिरता को बढ़ाने के लिए अभिकल्पित किए गए एक दूरदर्शी सहयोग को दर्शाते हैं।
पूसीरे और आईआईटीजी के बीच महत्वपूर्ण सहयोग नवाचार और तकनीकी प्रगति के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके महत्वपूर्ण तत्व पूर्वोत्तर क्षेत्र की भौगोलिक और परिचालन स्थितियों के लिए अद्वितीय चुनौतियों पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन परियोजनाओं से यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों दोनों को काफी लाभ होने की उम्मीद है। यह कदम वास्तव में इस क्षेत्र में रेलवे परिचालन को आधुनिक और अनुकूलतम बनाने के पूसीरे के प्रयासों में एक बड़ी छलांग होगी।
इस हस्ताक्षर समारोह में आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसरों द्वारा प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला को भी भी शामिल किया गया था, जिसमें पूसीरे की आवश्यकताओं के अनुरूप उसके अनुसंधान और नवीन समाधानों का प्रदर्शन किया गया। यह साझेदारी समाज के लाभ के लिए प्रभावशाली तकनीकी समाधान बनाने में दोनों संस्थानों के साझा दृष्टिकोण को उजागर करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय