सीमांत चेतना मंच ने किया 'फ्रंटियर इनसाइट्स' मासिक टैब्लॉइड और पुस्तक 'पंच परिवर्तन' लॉन्च
गुवाहाटी, 11 दिसंबर (हि.स.)। सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शताब्दी वर्ष के सम्मान में पंच परिवर्तन पुस्तक के असमिया संस्करण के लॉन्च के साथ ही अपने बहुप्रतीक्षित मासिक जर्नल/टैब्लॉइड/ई-न्यूज़लेटर, फ्रंटियर इनसाइट्स का आधिकारिक तौर पर अनावरण किया।
सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर की महासचिव डॉ. बिनाता भगवती ने गुरुवार काे बताया कि लॉन्च सेरेमनी नेडफी ऑडिटोरियम में हुई और इसमें कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए, जिससे इन पहलों के क्षेत्रीय महत्व पर ज़ोर दिया गया। नया लॉन्च किया गया पब्लिकेशन, फ्रंटियर इनसाइट्स, भारत के सीमा सुरक्षा ढांचे को समझने, उसकी सराहना करने और उसे बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक विकास को बढ़ावा देने में नागरिकों की ज़रूरी भूमिका और उनकी साझा जिम्मेदारी पर सक्रिय रूप से जोर देना है।
लॉन्च इवेंट में कई सम्मानित अतिथि शामिल हुए, जिन्होंने सीमावर्ती इलाकों के विकास और सुरक्षा में समुदायिक सहभागिता के महत्व पर चर्चा की।
असम सरकार के कैबिनेट मंत्री पीयूष हजारिका ने अपने संदेश में नागरिक जागरूकता और राष्ट्रीय अखंडता के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर ज़ोर दिया तथा सीमावर्ती समुदायों को व्यापक समाज से जोड़ने के प्रयासों के लिए सीमांत चेतना मंच की सराहना की।
मंत्री हजारिका ने कहा, “हमारी सीमाओं की सुरक्षा पूरे देश की स्थिरता और समृद्धि के लिए ज़रूरी है। सीमांत चेतना मंच, पूर्वोत्तर, सीमा सुरक्षा को सिर्फ़ सरकारी ज़िम्मेदारी न मानकर, उसे एक सामूहिक राष्ट्रीय पहल में बदलकर एक अहम आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। हजारिका ने अपने संदेश में यह भी कहा, यह न्यूज़लेटर हमारे दूर-दराज के गांवों को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन बनेगा।
असमिया भाषा में प्रकाशित किताब, पंच परिवर्तन (पांच बदलाव), देश को अंदर से मज़बूत बनाने के उद्देश्य से, समाज में बड़े बदलावों के लिए पांच-सूत्रीय दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार किया है। ये सिद्धांत आत्मनिर्भरता, सामाजिक एकता, पर्यावरण की देखभाल, नागरिक ज़िम्मेदारी और परिवार-केंद्रित ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो नागरिकों, खासकर पूर्वोत्तर के लोगों को राष्ट्र निर्माण के प्रयास में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए एक रचनात्मक ढांचा प्रदान करते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) असम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख डॉ. सुनील मोहंती ने सामुदायिक सेवा और राष्ट्र निर्माण के वैचारिक आधार पर ज़ोर देते हुए कहा कि किताब और न्यूज़लेटर दोनों ही सांस्कृतिक और राष्ट्रीय जागरण के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं। 'पंच परिवर्तन' और 'फ्रंटियर इनसाइट्स' की शुरुआत व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण (व्यक्तिगत विकास से राष्ट्र निर्माण) के सार को दर्शाती है। उन्होंने कहा, हमारी असली ताकत हमारी जनता के बीच सांस्कृतिक और वैचारिक स्पष्टता में है। ये पहल गर्व और सामूहिक ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देंगी, जिससे हर नागरिक हमारी मातृभूमि, भारत का एक सतर्क रक्षक बन जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव ध्रुब महंत ने क्षेत्र के विकास की कहानी में लक्षित मीडिया के महत्व पर बात की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, आज के डिजिटल दौर में यह बहुत ज़रूरी है कि सही जानकारी सही लोगों तक पहुंचे। 'फ्रंटियर इनसाइट्स' हमारे सीमावर्ती इलाकों में हो रहे विकास और मज़बूती की कहानियों को बताने के लिए एक मज़बूत, समर्पित प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा। यह केंद्रित पत्रकारिता राष्ट्रीय एकता और हमारे समाज को कमज़ोर करने वाली कहानियों का मुकाबला करने के लिए बहुत ज़रूरी है।
नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नेडफी) के सीएमडी पीवीएसएलएन मूर्ति ने आर्थिक विकास और सीमा सुरक्षा के बीच अटूट संबंध पर ज़ोर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, एक सुरक्षित सीमा वही होती है जिसके पास आर्थिक ताकत हो। नेडफी का मिशन इन क्षेत्रों में पहली पीढ़ी के उद्यमियों को सशक्त बनाने के साथ जुड़ा हुआ है, यह सुनिश्चित करते हुए कि आर्थिक विकास और सुरक्षा साथ-साथ चलें।
सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा, हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सिर्फ़ हमारे सशस्त्र बलों का कर्तव्य नहीं है, यह एक संयुक्त प्रयास है जो एक जागरूक और सशक्त नागरिक समाज से शुरू होता है। फ्रंटियर इनसाइट्स' के ज़रिए, हम ज्ञान फैलाने, मुश्किलों का सामना करने की कहानियां शेयर करने और रणनीतिक जानकारी देने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म बना रहे हैं। 'पंच परिवर्तन' कम्युनिटी जुड़ाव के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत पेश करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे सीमावर्ती गांव राष्ट्रीय गौरव और सुरक्षा के आत्मनिर्भर गढ़ बनें।”
उल्लेखनीय है कि, सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर एक समर्पित सामाजिक-सांस्कृतिक और गैर-राजनीतिक संगठन है, जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा पर केंद्रित है। देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के साथ-साथ सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर का लक्ष्य सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के लिए शांति, सद्भाव और प्रगति का माहौल बनाना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

