केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने पांडू बंदरगाह पर चल रही परियोजनाओं का किया निरीक्षण
गुवाहाटी, 28 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय बंदरगाह, और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पांडू बंदरगाह परिसर में उत्तर पूर्व के पहले जहाज मरम्मत केंद्र के काम का निरीक्षण किया।
पूर्वोत्तर भारत में पहले जहाज मरम्मत केंद्र और एलिवेटेड रोड कॉरिडोर के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। जलमार्ग विकास के लिए 645 करोड़ रुपये के बजट के साथ आईडब्लूएआई के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, जलमार्ग ब्रह्मपुत्र के किनारे के लोगों के लिए जीवन रेखा हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जलमार्ग प्रणाली विकसित की गई है, जो हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए नए क्षितिज भी खोल रही है। महाबाहु ब्रह्मपुत्र और राष्ट्रीय जलमार्ग 2 हमारे असम के लोगों के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं लेकर आया है।अंतर्देशीय जलमार्ग नेविगेशन के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा विकास कार्य किये जा रहे हैं। ये परियोजनाएं असम में नदी पर्यटन, सार्वजनिक परिवहन और कार्गो परिवहन को आगे ले जाएंगी।”
इस परियोजना के तहत ब्रह्मपुत्र के तट पर माजुली, धुबड़ी, घागर और बहारी में नए यात्री टर्मिनल बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ब्रह्मपुत्र नद पर 10 महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। जिसकी कुल लागत 645 करोड़ रुपये है। यात्रा के दौरान, मंत्री ने कहा कि यह परियोजना मरम्मत सुविधा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि, इससे चालान लागत कम हो जाएगी और स्थानीय जहाजों और जलयानों के संचालन में सुविधा होगी।
मंत्री ने 208 करोड़ रुपये की लागत से हुगली-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (एचसीएसएल) के सहयोग से निर्मित जहाज मरम्मत केंद्र के काम की भी समीक्षा की। 108 कोरोड़ रुपये की लागत से एनएच-27 को पांडू पोर्ट कॉम्प्लेक्स से जोड़ने वाली एक वैकल्पिक सड़क के निर्माण पर काम चल रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में व्यापार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार माजुली पुल का काम तेजी से पूरा करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है। “माजुली ब्रिज बहुत महत्वपूर्ण है।इसके निर्माण में तेजी लाने के लिए पहले ही उपाय किए जा चुके हैं।
जल पर्यटन और जल खेलों को बढ़ावा देने के लिए ब्रह्मपुत्र नद के किनारे सात पर्यटक घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें ओरियमघाट, भूपेन हजारिका ब्रिज, कालियाभोमोरा ब्रिज, बोगीबिल ब्रिज, दिखौ मुख, कलोंगमुख और गुवाहाटी का उजान बाजार शामिल है। इस प्रकार परियोजनाओं के द्वारा उत्तर पूर्व भारत की अर्थनीति एवं परिवहन के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर