13 हजार क्विंटल सरकारी चावल गायब; पांच निलंबित
धेमाजी (असम), 06 दिसंबर (हि.स.)। धेमाजी में सरकारी सस्ते दर के चावल की बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला उजागर होने से इलाके में सनसनी फैल गई है। रेल सेवा के माध्यम से धेमाजी में पहुंचने वाले चावल के गायब होने के जो आरोप बीते दिनों से उठ रहे थे, वे अब एफसीआई की आंतरिक जांच में सही पाए गए हैं।
आरोपों के अनुसार 26,800 बोरा सस्ती दर का चावल—कुल 13 हजार क्विंटल—धेमाजी स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम से गुपचुप तरीके से हेराफेरी किया गया। इस चावल की बाजार कीमत लगभग 5 करोड़ 20 लाख रुपये आंकी गई है।
हालांकि, गोदाम धेमाजी में स्थित है, लेकिन इसका संचालन और निरीक्षण लखीमपुर कार्यालय के अधीन होता है। शिकायतों के आधार पर लखीमपुर से भेजी गई एफसीआई की एक उच्च-स्तरीय जांच टीम ने गोदाम का निरीक्षण कर इस बड़े घोटाले का खुलासा किया।
प्रारंभिक जांच के बाद धेमाजी एफसीआई यूनिट के प्रभारी राकेश दास, जो पहले भी विवादों में रहे हैं, सहित अन्य पांच कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। गोदाम से जुड़े सभी फाइल और दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं और जांच जारी है।
यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत वितरित होने वाले इतने बड़े पैमाने के चावल को विभागीय निगरानी में कैसे हेराफेरी कर लिया गया। नॉर्थ लखीमपुर स्थित एफसीआई मुख्यालय भी अब प्रक्रियागत चूक की वजहों को लेकर दबाव में है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

