ऊपरी असम में उल्फा-स्वा के खिलाफ जोरदार अभियान
- सैन्य खुफिया और असम पुलिस के ऊपरी असम में उल्फा-स्वा के खिलाफ चल रहे संयुक्त अभियान में तीन गिरफ्तार
गुवाहाटी, 27 अक्टूबर (हि.स.)। बीते कुछ दिनों से राज्य में बढ़ रही उल्फा-स्वा की गतिविधियों के मद्देनजर सुरक्षा बल उल्फा-स्वा के खिलाफ राज्यभर में जोरदार अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों में सुरक्षाबलों को काफी सफलता मिल रही है। खासकर इस वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उल्फा-स्वा द्वारा राज्य में 25 स्थानों पर बम लगाए जाने की घटना के बाद सुरक्षा बलों ने उल्फा-स्वा के खिलाफ कमर कस लिया है। इसी कड़ी में बीते कुछ समय के दौरान बड़ी संख्या में उल्फा-स्वा से जुड़े लोग पकड़े गए हैं। इसी क्रम में खुफिया और असम पुलिस के नेतृत्व में एक समन्वित खुफिया-आधारित अभियान में ऊपरी असम में उल्फा-स्वा के कई ओजीडब्ल्यू (ओवरग्राउंड वर्कर) और लिंकमैन पकड़े गए हैं। यह अभियान उल्फा-स्वा नेतृत्व से जुड़े व्यक्तियों, विशेष रूप से एसएस ब्रिगेडियर अरुणोदय दाहोतिया और एसएस ब्रिगेडियर गणेश लाहोन, जो विद्रोही समूह के कमांड स्ट्रक्चर में प्रमुख व्यक्ति हैं, के बारे में महत्वपूर्ण इनपुट पर आधारित था।
खुफिया इनपुट
सूचना से संकेत मिलता है कि उल्फा-स्वा से जुड़े ओजीडब्ल्यू और लिंकमैन व्हाट्सएप के माध्यम से वरिष्ठ उल्फा-स्वा कमांडरों, एसएस ब्रिगेडियर अरुणोदय दहोतिया और एसएस ब्रिगेडियर गणेश लाहोन के साथ सक्रिय संचार में थे। इस खुफिया जानकारी को पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वोत्तर क्षेत्र) के साथ साझा किया गया, जिससे तेजी से लामबंदी हुई।
सैन्य खुफिया जानकारी के आधार पर कई ऑपरेशन किए गए। 25 अक्टूबर को एमआई, 23 असम राइफल्स मुख्यालय 73 माउंटेन ब्रिगेड और असम पुलिस की संयुक्त कार्रवाई चराइदेव जिले के नामतोला के सामान्य क्षेत्र में शुरू की गई। इसके परिणामस्वरूप उल्फा-स्वा कमांडर एसएस ब्रिगेडियर गणेश लाहोन से जुड़े एक प्रमुख लिंकमैन प्रेम नेवार को पकड़ा गया।
इसके अलावा 25 अक्टूबर को, एमआई और असम पुलिस की एक संयुक्त टीम ने डिब्रूगढ़ जिले के चबुआ के सामान्य क्षेत्र में छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप उज्जल गोहाईं उर्फ सुकरात और शशांक राजखोवा को पकड़ा गया। दोनों की पहचान उल्फा-स्वा ओजीडब्ल्यू के रूप में की गई।
संयुक्त अभियान अभी भी जारी है, क्योंकि सुरक्षा बलों का लक्ष्य क्षेत्र में उल्फा-स्वा से जुड़े शेष नेटवर्क को खत्म करना है।
उल्लेखनीय है कि ऊपरी असम में उल्फा-स्वा की गतिविधियों के कारण चार जिलों में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफ्सपा) कानून की मियाद को पिछले दिनों अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया गया था। बीते कुछ महीनों में उल्फा-स्वा से जुड़े कई लोगों को पकड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को राज्य में 25 स्थानों पर बम लगाए जाने संबंधी मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश