home page

कोकराझार में मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस 

 | 
कोकराझार में मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस 


कोकराझार (असम), 16 नवम्बर (हि.स.)। सूचना और जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी), बीटीसी ने बोडोलैंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के सहयोग से आज कोकराझार तारामंडल में राष्ट्रीय प्रेस दिवस काआयोजन किया। इस अवसर पर कई गतिविधियों और चर्चा सत्रों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को श्रद्धांजलि (शहीद तर्पण) और एक वृक्षारोपण अभियान के साथ हुई, जो बलिदानों के प्रति सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक था। इसके बाद पत्रकारों की प्रतिनिधि बैठक आयोजित की गई।

इसके पश्चात, बीटीसी के सूचना और जनसंपर्क विभाग के परिषद प्रमुख और क्षेत्रीय अधिकारी जाहिद अहमद तपादार ने स्वागत भाषण दिया। बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) प्रमोद बोडो, सूचना और जनसंपर्क विभाग के कार्यकारी सदस्य (ईएम) डॉ. नीलुत स्वर्गियारी, और बीटीसी के प्रधान सचिव आकाशदीप, जो इस समय नई दिल्ली में बोडोलैंड महोत्सव में भाग ले रहे हैं, के शुभकामना संदेश उपस्थित जनों को सुनाए गए, जिससे कार्यक्रम का सकारात्मक आरंभ हुआ।

उद्घाटन भाषण बोडोलैंड विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बीएल आहूजा ने दिया। उन्होंने बीटीआर में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे समय की कमी, अपर्याप्त वेतन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और सकारात्मक समाचारों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

दैनिक गण अधिकार के संपादक और एनईएफ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ. जाकिर हुसैन ने कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र का अस्तित्व पत्रकारों की स्वतंत्रता से जुड़ा है, जिन्हें लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।

अन्य अतिथियों में कर्नल अरुण प्रकाश अग्रवाल ने 1990 के दशक के माहौल पर विचार साझा करते हुए, स्वतंत्रता के संघर्ष और मातृभूमि की रक्षा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। विकासित भारत समाचार के संपादक राकेश शर्मा ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के महत्व, इसकी जड़ों और वर्षों में हुए इसके विकास पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण साझा किया।

प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर अपने मुख्य भाषण में वरिष्ठ पत्रकार मृणाल तालुकदार ने पत्रकारिता के विकास पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रेस को कभी सत्य का प्रकाशस्तंभ और सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में देखा जाता था, लेकिन समय के साथ इसकी भूमिका और धारणा में काफी बदलाव आया है। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक मीडिया की जटिलताओं को देखते हुए पत्रकारिता में सच्ची निष्पक्षता एक चुनौतीपूर्ण आदर्श है।

पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता और समर्पण को मान्यता देते हुए, कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें वरिष्ठ पत्रकार ध्रुब शर्मा (बाक्सा), दुरलव तालुकदार (चिरांग), हरी शंकर ठाकुर (कोकराझार), बापू राम बोडो (तामुलपुर) और गुणजीत दास (उदालगुड़ी) शामिल थे। पत्रकार पेंशनभोगी इमरान हुसैन (उदालगुड़ी), खगेन सैकिया (तामुलपुर), आनंद रामसियारी (तामुलपुर) और कोकराझार के वरिष्ठतम अखबार वितरक सिबतोश भादुरी को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की एंकरिंग करने वाली पत्रकार मालया डेका को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

बोडोलैंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अबू बकर सिद्दीक और पत्रकार गुणजीत दास ने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं को रेखांकित किया। आईपीआरडी, बीटीसी के संयुक्त सचिव रक्तिम बुढागोहाईं ने पत्रकारों की जिम्मेदारियों, सोशल मीडिया के प्रभाव, और शिक्षा के महत्व पर व्यापक विषयों पर बात की। उन्होंने बौद्ध दर्शन से प्रेरणा लेते हुए अपने विचार साझा किए और चर्चा के दौरान उठाए गए स्वास्थ्य बीमा के मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया।

बीटीआर के सभी पांच जिलों के मीडिया पेशेवरों की उपस्थिति में आयोजित यह कार्यक्रम मीडिया के बदलते परिदृश्य में प्रेस की चुनौतियों और जिम्मेदारियों पर संवाद का एक मंच बना।

हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा