मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक क्षेत्र की प्रगति का लिया जायजा
- असम आंदोलन के शहीदों के सम्मान में शहीद स्मारक क्षेत्र तीर्थ यात्रा होगी: मुख्यमंत्री
गुवाहाटी, 20 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज पश्चिम बोरागांव का दौरा किया और शहीद स्मारक क्षेत्र का निरीक्षण किया, जो असम आंदोलन के पुरुषों और महिलाओं के सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा स्मारक क्षेत्र इस साल 10 दिसंबर या अगले साल की शुरुआत में लोगों को समर्पित किया जाएगा।
निर्माण कार्य के साथ-साथ अंतिम रूप देने की प्रक्रिया का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि एक बार पूरा हो जाने पर शहीद स्मारक क्षेत्र असम आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुरुषों और महिलाओं के बलिदान का सम्मान करने के लिए तीर्थ स्थल होगा। इस परिसर में सबसे ऊंचे टावरों में से एक अवस्थित होगा और इसमें सभी वीर शहीदों की प्रतिमाएं होंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने असम के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य के लोगों के सम्मान में यह परियोजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि हालांकि परिसर का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन ‘लाइट एंड साउंड’ और ‘ऑडिटोरियम’ से जुड़ा एक और काम निर्माणाधीन है, जो परिसर में आने वाले लोगों के लिए और अधिक सुंदरता और सुविधा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि परिसर में एक ध्यान कक्ष, असम आंदोलन से संबंधित तस्वीरों वाली एक गैलरी और लोगों के लिए जातीय व्यंजनों की एक दुकान होगी। डॉ. सरमा ने कहा कि 225 फीट ऊंचा स्मारक असम आंदोलन के शहीदों की उदारता और बलिदान का प्रतीक होगा।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर पीडब्ल्यूडी (भवन) और असम समझौता कार्यान्वयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की। उन्होंने पीडब्ल्यूडी (बी) विभाग से इसे जल्द पूरा करने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री के स्मारक दौरे के दौरान असम समझौता कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा, असम समझौता कार्यान्वयन विभाग की सचिव नीरा दौलगप्पु, पीडब्ल्यूडी (बी) के विशेष सचिव राज चक्रवर्ती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश