बीटीसी बना पूर्वोत्तर का पहला छठा अनुसूची परिषद जिसने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल किया
कोकराझार (असम), 29 अक्टूबर (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के भूमि राजस्व कार्यकारी सदस्य (ईएम) रंजीत बसुमतारी ने प्रमोद बोडो के नेतृत्व वाली बीटीसी की भूमि संबंधित मामलों को सुलझाने और जन-हितैषी नीतियों को लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई। बीटीसी सचिवालय में आज आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, चाय उत्पादकों और छोटे चाय बागान मालिकों के लिए आवंटन, निपटान और पट्टे के लिए मसौदा भूमि नीति पर चर्चा की गई।
ईएम बसुमतारी ने उपस्थित लोगों को जानकारी दी कि बीटीसी पूरे पूर्वोत्तर में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल करने वाला पहला और एकमात्र छठी अनुसूची परिषद है, जिससे नागरिकों के लिए ऑनलाइन भूमि राजस्व-संबंधी सेवाएं सुलभ हो गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में 2 लाख से अधिक भूमि पट्टे जारी किए गए हैं। मिशन बविसुमुथि 1.0 के तहत, प्राप्त 1 लाख 141 ऑनलाइन आवेदनों में से कुल 80 हजार 073 भूमि-संबंधी मामलों का निपटारा किया गया है।
उन्होंने बताया कि बीटीसी के मिशन बविसुमुथि 1.0 पोर्टल पर नागरिकों के लिए अब 16 भूमि और राजस्व-संबंधित सेवाएं उपलब्ध हैं। बसुमतारी ने छोटे चाय उत्पादक संघ के सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस जानकारी का व्यापक प्रसार करें ताकि अन्य लोग भी अपनी भूमि-संबंधी समस्याओं का समाधान कर सकें। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि वहीं नीति रबर की खेती के लिए भी लागू होगी।
बैठक के दौरान बीटीसी के ईएम डॉ. धर्म नारायण दास और डॉ. नीलुत स्वर्गियारी ने बीटीसी द्वारा भूमि-संबंधी मामलों के सहज निपटारे के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित किया और बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोडो के मार्गदर्शन और नेतृत्व में भूमि नीति के निर्माण पर संतोष व्यक्त किया।
बीटीसी छोटे चाय उत्पादक संघ के सदस्यों ने मसौदा नीति के संबंध में विभिन्न सुझाव दिए और बीटीसी सरकार की सक्रिय भूमिका के प्रति संतोष व्यक्त किया। भूमि रिकॉर्ड और सर्वेक्षण के निदेशक और बीटीसी सचिव धीरज साउद ने मसौदा नीति का विस्तृत विवरण दिया। बैठक में बीटीसी के सचिव सुजीत बुगलरी और सीईएम के ओएसडी रिंतु बोडो भी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा