मोरान के खोवांग बाहनी पथार में बिहू नृत्य और ढोल वादन कार्यशाला का आयोजन
डिब्रूगढ़ (असम), 27 मार्च (हि.स.)। असम में बहुप्रतीक्षित बोहाग बिहू का उत्सव करीब आते ही वातावरण में ढोल और पेपा की मधुर ध्वनि गूंजने लगी है। इस उत्सव की तैयारी में राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर बिहू नृत्य और ढोल वादन की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
मोरान के समीपवर्ती खोवांग बाहनी पथार में 23 मार्च से दस दिवसीय निःशुल्क बिहू नृत्य और ढोल वादन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। बाहनी पथार समन्वय सांस्कृतिक समूह के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में मोरान क्षेत्र के विधायक चक्रधर गोगोई ने भी अपना समर्थन प्रदान किया है।
इस कार्यशाला में खोवांग क्षेत्र के 200 से अधिक नर्तकियों और 50 से अधिक ढोल वादक उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। बिहू की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने के उद्देश्य से पिछले तीन वर्षों से यह कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की जा रही है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य नवीन पीढ़ी को बिहू संस्कृति से जोड़ना और असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना है। स्थानीय युवाओं के बीच बिहू नृत्य और ढोलवादन की बढ़ती रुचि को देखते हुए आयोजकों ने इसे हर वर्ष आयोजित करने का निर्णय लिया है।
मोरान क्षेत्र में आयोजित इस सांस्कृतिक पहल को लेकर स्थानीय लोग भी काफी उत्साहित हैं। कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागी बिहू उत्सव के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिससे असमिया संस्कृति की झलक एक बार फिर जीवंत हो उठेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर