राज्यपाल ने मनाया सशस्त्र बल ध्वज दिवस, 90 वर्ष से अधिक उम्र के पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने की शुरू की नई पहल
गुवाहाटी, 07 दिसम्बर (हि.स.)। लोक भवन, असम में आज सशस्त्र बल ध्वज दिवस बड़े सम्मान और गौरव के माहौल में मनाया गया। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के नेतृत्व में आयोजित इस विशेष समारोह में राज्य ने देशभर के साथ मिलकर वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को नमन किया। 7 दिसम्बर 1949 से पूरे देश में मनाए जा रहे इस दिवस का मुख्य उद्देश्य शहीदों और सीमा पर तैनात जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है।
समारोह में राज्यपाल आचार्य ने वीर नारियों, विकलांग सैनिकों, पूर्व सैनिकों, सेवारत जवानों तथा गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन हर नागरिक को सैनिकों के असाधारण योगदान की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करने से लेकर आपदा राहत कार्यों में नेतृत्व देने तक, सशस्त्र बल देश के साहस, अनुशासन और करुणा के प्रतीक हैं।
राज्यपाल ने बताया कि असम में वर्तमान में लगभग 41,968 पूर्व सैनिक और 10,361 वीर नारियां रहती हैं। इनके कल्याण के लिए निदेशालय और 21 जिला सैनिक कल्याण कार्यालय लगातार सेवा में जुटे हैं। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने निदेशालय की गतिविधियों पर आधारित वॉल और टेबल कैलेंडर जारी किया तथा राज्य के पांच वेटरन अचीवरों को सम्मानित किया।
दिन का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण रहा राज्य सरकार की नई पहल ‘सैनिक तुझे सलाम’, जिसके तहत 90 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और वीर माताओं को सशस्त्र बल ध्वज दिवस पर जिला प्रशासन एवं जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों द्वारा उनके घर जाकर सम्मानित किया जाएगा।
राज्यपाल ने बताया कि पूर्व सैनिक कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए असम को हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन (29–30 सितम्बर) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से विशेष सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने ‘असम गवर्नर राष्ट्रीय कृतज्ञता एवं जागरूकता योजना’ का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से स्कूल–कॉलेजों में युवाओं को सैनिकों के जीवन और योगदान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष में उदारतापूर्वक योगदान करने की अपील करते हुए कहा कि सैनिकों के बलिदान का कोई मोल नहीं, पर नागरिकों का सहयोग उनके परिवारों के कठिनाइयों को कम कर सकता है।
समारोह में मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. बी कल्याण चक्रवर्ती, जीएडी सचिव एमएस मन्नीवन्नन, मेजर जनरल एके शर्मा, एयर कोमोडोर कंचन कुमार, एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) अंजन कुमार गोगोई, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राणा प्रताप कालिता, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) प्रणब कुमार भराली सहित अनेक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, युद्ध में विकलांग सैनिक, वीर नारियां और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के बाद राज्यपाल आचार्य ने सातगांव स्थित आनरेरी कैप्टन जतिन्द्र चंद्र राय के निवास पर जाकर उन्हें प्रशंसा पत्र और पारंपरिक फुलाम गमछा प्रदान कर उनके अमूल्य योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

