जम्मू और कश्मीर सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को आवारा कुत्तों से स्कूलों, अस्पतालों, स्टेडियमों को सुरक्षित करने का आदेश दिया
जम्मू, 11 दिसंबर हि.स.। जम्मू और कश्मीर आवास और शहरी विकास विभाग ने गुरुवार को सभी शहरी स्थानीय निकायों को दो सप्ताह के भीतर स्कूलों, अस्पतालों, स्टेडियमों और परिवहन केंद्रों की मैपिंग करने और उन्हें आवारा कुत्तों के प्रवेश से सुरक्षित करने का निर्देश दिया।
इन जगहों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए अनिवार्य तीन-मासिक निरीक्षण और मानवीय । एबीसी आधारित तरीके अपनाने का भी आदेश दिया गया है साथ ही 30-दिवसीय अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी गई है।
विभाग की आयुक्त-सचिव, मनदीप कौर ने एक सर्कुलर जारी कर केंद्र शासित प्रदेश के सभी यूएलबी को संस्थागत क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य उपायों की एक श्रृंखला को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया।
सर्कुलर में स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, स्टेडियमों, बस स्टैंडों, और रेलवे स्टेशनों सहित सभी सरकारी और निजी संस्थानों की पहचान करने के लिए दो सप्ताह का अभ्यास अनिवार्य किया गया है। शहरी स्थानीय निकायों यूएलबी से सभी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों विशेष रूप से बच्चों द्वारा अक्सर आने-जाने वाले क्षेत्रों को वर्गीकृत करने के लिए कहा गया है।
सर्कुलर में कहा गया है सभी शहरी स्थानीय निकाय, संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों के समन्वय से इस सर्कुलर जारी होने की तारीख से दो सप्ताह की अवधि के भीतर अपनी क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर आने वाले सभी सरकारी और निजी संस्थानों की पहचान पूरी करेंगे।
विभाग ने यूएलबी को सभी पहचाने गए संस्थानों के प्रशासनिक प्रमुखों को उनके परिसरों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक संरचनात्मक और प्रशासनिक उपायों को तुरंत करने और पूरा करने में सहायता करने का निर्देश दिया।
सर्कुलर में कहा गया है सभी संस्थानों को कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए चारदीवारी बनाकर या मरम्मत करके गेट लगाकर और अन्य संरचनात्मक कदम उठाकर अपने परिसरों को तुरंत सुरक्षित करना होगा। विभागों को 15 दिसंबर तक बजट अनुमान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट हर पखवाड़े प्रगति की निगरानी करेंगे।
इसमें कहा गया है कि नगर निगम अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर तीन महीने में एक बार अनिवार्य निरीक्षण करना होगा कि संस्थानों के पास कोई आवारा कुत्तों का ठिकाना न हो।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है हटाने की प्रक्रिया अत्यंत मानवता के साथ और एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) नियमों और अन्य लागू पशु कल्याण कानूनों के प्रावधानों के सख्त अनुपालन में की जानी चाहिए। क्रूर तरीकों, अंधाधुंध जहर देने या किसी भी प्रकार के अमानवीय व्यवहार का उपयोग सख्त वर्जित है और इसके लिए गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यूएलबी को उठाए गए और छोड़े गए हर कुत्ते का विवरण डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करना होगा। विभाग ने जम्मू और श्रीनगर नगर निगमों के कमिश्नरों और कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों में न्स्ठ के निदेशकों को 30 दिनों के भीतर एक विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी देरी या गैर-अनुपालन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

