home page

आतंकवादियों ने आपस में संवाद कम कर दिया है जिससे उन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती बन गया है- आईजी बीएसएफ

 | 
आतंकवादियों ने आपस में संवाद कम कर दिया है जिससे उन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती बन गया है- आईजी बीएसएफ


श्रीनगर, 30 नवंबर (हि.स.)। बीएसएफ के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने शनिवार को कहा कि आतंकवादियों ने आपस में संवाद कम कर दिया है जिससे सुरक्षा बलों के लिए उन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती बन गया है।

श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके एसटीसी हुमहामा में बीएसएफ के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बीएसएफ के कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने संवाददाताओं के समाने कहा कि आतंकवादी हमेशा अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने की कोशिश करते हैं। वे संवाद कम करते हैं जिससे खुफिया जानकारी जुटाने में कमी आती है। लेकिन सभी एजेंसियां उनके ठिकानों और उनके समर्थकों की पहचान करने के लिए जो भी इनपुट मिलते हैं उनका विश्लेषण करती है ताकि उन्हें बेअसर किया जा सके।

यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवादियों के बीच न्यूनतम संवाद उन्हें ट्रैक करने में चुनौती बन रहा है, बीएसएफ के आईजी ने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती है लेकिन उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इससे निपटने के लिए नई रणनीति भी लागू करेंगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां इन नई चुनौतियों से निपटने के तरीके खोजने के लिए विचार-विमर्श कर रही हैं। यादव ने कहा कि सर्दियों की शुरुआत से पहले नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की लगातार कोशिशें होती हैं लेकिन सुरक्षाबल परिचालन योजनाएँ पहले ही बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस साल भी भारतीय सेना हावी है और उनका प्रयास भारी बर्फबारी से पहले इस तरह की किसी भी कोशिश को विफल करना है।

एलओसी के पार लॉन्चपैड्स पर आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी पर आईजी बीएसएफ ने कहा कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार लॉन्चपैड्स पर लोग यहां के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने के लिए घुसपैठ की कोशिश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा लेकिन जिस तरह से हम नियंत्रण रेखा पर सतर्क हैं और क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं, हमें पूरा विश्वास है कि हम इस तरह की कोशिशों को विफल कर देंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति का यहां कोई प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान में इस तरह का कोई बदलाव होता है तो निश्चित रूप से यहां प्रभाव पड़ता है लेकिन यह खुफिया एजेंसियों का काम है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह