चिकित्सा गश्त के साथ सामुदायिक सेवा में नया मानक स्थापित किया

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चिकित्सा गश्त के साथ सामुदायिक सेवा में नया मानक स्थापित किया


जम्मू, 4 सितंबर (हि.स.)। व्यावसायिकता और मानवता दोनों के प्रति अपनी प्रसिद्ध प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए भारतीय सेना ने एक बार फिर पुंछ जिले के सुदूर थामलोट क्षेत्र में व्यापक चिकित्सा गश्त करके स्थानीय समुदायों का समर्थन करने के लिए अपने समर्पण का प्रदर्शन किया है। यह नवीनतम पहल स्थानीय आबादी के साथ घनिष्ठ सहयोग में काम करने, चिकित्सा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने और जिन समुदायों की वह सेवा करती है उनके साथ मज़बूत संबंध बनाने के लिए सेना के निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।

आयोजित चिकित्सा गश्त में कुल 42 निवासी शामिल हुए जिनमें 18 महिलाएँ, 15 बच्चे और 9 पुरुष शामिल थे। इन व्यक्तियों को सेना की ऑन-साइट चिकित्सा सुविधाओं और देखभाल का लाभ मिला। थामलोट के दूर-दराज के इलाकों के निवासियों ने सेना की निस्वार्थ सेवा के लिए अपनी गहरी सराहना व्यक्त की। स्थानीय नेताओं और समुदाय के सदस्यों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह के आउटरीच कार्यक्रम न केवल आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं बल्कि सेना और स्थानीय आबादी के बीच तालमेल को भी बढ़ाते हैं जिससे क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान मिलता है।

गौरतलब है कि यह पहल वंचित क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भारतीय सेना की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है और सशस्त्र बलों और उनके द्वारा समर्थित समुदायों के बीच मज़बूत बंधन को मज़बूत करती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा