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संघर्ष समिति ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी और एलजी प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की

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संघर्ष समिति ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी और एलजी प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की


जम्मू, 11 दिसंबर (हि.स.)।

आज संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक गीता भवन में कर्नल सुखवीर सिंह मनकोटिया (संयोजक) की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद संघर्ष समिति की टीम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

कर्नल मनकोटिया ने अपनी बात रखते हुए सबसे पहले ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों (ट्रेडर्स), बार एसोसिएशन,युवा राजपूत सभा और आंदोलन को समर्थन देने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से यह आंदोलन मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

कर्नल मनकोटिया ने बताया कि समिति ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिला संयोजकों (डिस्ट्रिक्ट कन्वीनर्स) के साथ बैठक की है और उन्हें आंदोलन को और तेज करने के लिए अपने-अपने जिलों में विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है।

उन्होंने जानकारी दी कि एमबीबीएस दाखिलों के मामले में सबसे ज्यादा युवा प्रभावित होते हैं, इसलिए समिति ने यूथ विंग संघर्ष समिति तैयार कर दी है जो युवाओं की बात जोर-शोर से रखेगी।

जल्द ही महिला विंग का भी गठन किया जाएगा।

कर्नल मनकोटिया ने अपने आंदोलन को तेज करने की धमकी देते हुए सरकार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमें हल्के में न लिया जाए अन्यथा यह आंदोलन कोई भी रूप ले सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार, श्राइन बोर्ड या एलजी साहब इसमें जितनी देर करेंगे उनके लिए इस आंदोलन को संभालना उतना ही मुश्किल होता जाएगा।

संयोजक ने बताया कि अधिकारियों की देर करने की नीति के कारण आंदोलन की आग अब जम्मू-कश्मीर से बाहर जा रही है। देश भर के कई संगठन (ऑर्गेनाइजेशन) समिति से संपर्क कर रहे हैं और इस आंदोलन में साथ देने को तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम नहीं चाहते कि इस आंदोलन की आग पूरे देश में फैले औरj अराजकता का माहौल बने।

उन्होंने साफ किया कि कुछ नेताओं ने इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम बनाने की कोशिश की है जबकि हमारा ऐसा कुछ भी नहीं है। हमारी लड़ाई श्राइन बोर्ड के साथ है यह अपनी आस्था की लड़ाई है। हमारा स्पष्ट मानना है कि श्राइन बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों/कॉलेजों में सिर्फ सनातन परंपराओं से सब चलाया जाए।

इस अवसर पर संघर्ष समिति के सदस्य सीएम सेठ ने श्राइन बोर्ड की चुप्पी पर कड़े सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड इस आंदोलन पर चुप क्यों है? वह लोगों के सामने सच्चाई क्यों नहीं लाता जब तक वे चुप रहेंगे, संघर्ष बढ़ता जाएगा उनकी ज़िम्मेदारी बनती है कि अगर उनसे गलती हुई है तो वे अपनी गलती मानें और एमबीबीएस दाखिलों के इस फैसले को बदलें सीएम और डिप्टी सीएम की तरफ से बयान आए हैं पर अभी तक श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एलजी साहब इस पर अपनी बात रखें और हमें इंसाफ दें अन्यथा यह आंदोलन और गति पकड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता