पीएचडीसीसीआई ने जम्मू में बौद्धिक संपदा अधिकार, व्यापार और संवर्धन पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की

जम्मू, 28 मार्च (हि.स.)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडस्ट्री ने एमएसएमई मंत्रालय एमएसएमई के विकास आयुक्त कार्यालय के सहयोग से होटल रेडिसन ब्लू में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जिसका संचालन पीएचडीसीसीआई की निदेशक कंचन जुत्शी ने किया।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया जिन्होंने एप्पल, केएफसी और मैकडॉनल्ड्स जैसे वैश्विक उदाहरणों का उपयोग करते हुए बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व को समझाया और दिखाया कि कैसे प्रभावी आईपी रणनीतियां विश्वव्यापी सफलता में योगदान देती हैं। उन्होंने स्थानीय उद्यमियों विशेष रूप से लैवेंडर किसानों और बासमती चावल उत्पादकों की उनके ब्रांड को पंजीकृत करने के प्रयासों के लिए प्रशंसा की।
औद्योगिक विकास और रोजगार पर कड़ा रुख अपनाते हुए उपमुख्यमंत्री ने पिछले शासन पर चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई उद्योग स्थापित किए गए लेकिन वे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में विफल रहे। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार स्थानीय रोजगार सुनिश्चित करने और स्वदेशी व्यवसायों के लिए अधिक समर्थन सुनिश्चित करने वाली नीतियों को लागू करेगी। उद्घाटन समारोह का नेतृत्व पीएचडीसीसीआई जम्मू चैप्टर के अध्यक्ष राकेश वजीर ने किया जिन्होंने जम्मू और कश्मीर में व्यवसायों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में ब्रांडिंग, नवाचार और बौद्धिक संपदा संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने उद्यमियों का समर्थन करने और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए पीएचडीसीसीआई की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला जहां व्यवसाय प्रभावी आईपीआर रणनीतियों के माध्यम से फल-फूल सकते हैं। जम्मू और कश्मीर के उद्योग और वाणिज्य आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकारी नीतियों का अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईपीआर आर्थिक प्रगति के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता