शहीद किसान बावा जीतो संघर्ष समिति ने एलजी मनोज सिन्हा को मांगपत्र सौंपा
जम्मू,, 8 दिसंबर (हि.स.)।
शहीद किसान बावा जीतो संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर मनोज सिन्हा से मुलाकात की और बावा जीतो देवस्थान/मंदिर के विकास एवं उनके इतिहास को संरक्षित करने से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रताप सिंह जम्वाल ने किया।
इस दौरान समिति की ओर से एलजी को एक मांगपत्र सौंपा गया और बावा जीतो का चित्र भेंट कर धन्यवाद व्यक्त किया गया।
मांगपत्र में कहा गया कि 15वीं शताब्दी के क्रांतिकारी किसान बावा जीतो, जम्मू और आसपास के क्षेत्रों के गौरवशाली इतिहास का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उन्हें ‘किसान संत शहीद’ के रूप में पूजा जाता है, लेकिन उनके नाम पर अब तक कोई ऐसा संस्थान स्थापित नहीं हुआ जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सके।
समिति ने अनुरोध किया कि मौजूदा समय में जब संस्थानों का नाम स्थानीय नायकों और शहीदों पर रखा जा रहा है ऐसे में जम्मू कृषि विश्वविद्यालय का नाम बावा जीतो के नाम पर रखा जाना चाहिए। साथ ही स्कूल के पाठ्यक्रम में उनके इतिहास को शामिल करने की मांग की गई ताकि नई पीढ़ी उनके बलिदान और संघर्ष से परिचित हो सके।
झिरी में स्थित बाणगंगा नहर के सुधार की भी मांग रखी गई। समिति ने सुझाव दिया कि वहां बोरिंग कर एक तालाब बनाया जाए ताकि नहर को स्वच्छ और उपयोगी स्वरूप मिल सके। इसके अलावा झिरी स्थित सरकारी 10+2 स्कूल से हटाए गए ‘जीतो’ नाम को फिर से बहाल करने की मांग रखी गई।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि झिरी में बावा जीतो के नाम पर बने विश्राम स्थलों का उपयोग अब सरकारी कार्यालयों के लिए हो रहा है जबकि इन्हें तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दोबारा विकसित किया जाना चाहिए। पार्क, फव्वारे और स्वागत सुविधाओं को बढ़ाकर देवस्थान की सुंदरता और सुविधाओं में वृद्धि की जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

