भाजपा ने ममता बनर्जी को दी खुली चुनौती, डीएमके सांसद ए राजा के बयान पर प्रतिक्रिया की मांग
कोलकाता, 09 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुली चुनौती देते हुए पूछा कि क्या वे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद ए. राजा के उस विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देंगी, जिसमें उन्होंने वंदेमातरम् के रचयिता और बंगाल के गौरव बंकिमचंद्र चटर्जी को राज्य के पूर्व सांप्रदायिक तनावों से जोड़ते हुए निराधार आरोप लगाए थे।
भाजपा ने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डीएमके और कांग्रेस के साथ अपने विपक्षी गठबंधन को बचाने के लिए इस मुद्दे पर मौन हैं, जबकि ये सभी दल मिलकर ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं।
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने सामाजिक मंच पर लिखा, “ममता बनर्जी को उस गठबंधन पर बोलना चाहिए, जिसका वे हिस्सा हैं और जो ऋषि बंकिमचंद्र चटर्जी की गौरवशाली विरासत को अपमानित कर रहा है। क्या तृणमूल के लिए डीएमके और कांग्रेस के साथ गठबंधन, बंगाल के सम्मान से अधिक महत्वपूर्ण है?”
भाजपा ने पहले भी एक विस्तृत वक्तव्य जारी कर ए. राजा पर आरोप लगाया था कि वे तथ्यों को तोड़-मरोड़कर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि बंकिमचंद्र ने महिला शिक्षा और सामाजिक सुधारों का विरोध किया था।
भाजपा का कहना है कि बंकिमचंद्र का मत केवल सुधारों की प्रक्रिया से जुड़ा था, मूल्यों से नहीं। उन्होंने अपने उपन्यासों में सशक्त, स्वाधीन और आत्मविश्वासी महिला पात्रों को प्रस्तुत किया तथा महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्हें ‘पिछड़ा’ बताना इतिहास के विपरीत है।
भाजपा ने यह भी पूछा, क्या ममता बनर्जी बताएंगी कि क्या बंगाल का गौरव राजनीतिक समझौतों की भेंट चढ़ सकता है?”
यह विवाद उस समय और तीखा हो गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंकिमचंद्र को अनजाने में “बंकिम दा” कहने पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने तत्क्षण अपनी त्रुटि सुधारते हुए कहा कि वे उन्हें “बंकिम बाबू” कहकर संबोधित करेंगे।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में भाजपा का यह बयान बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

