कांग्रेस की राजनीति पर भाजपा का वार! मनमोहन सिंह के निधन पर सम्मान का मुद्दा गरमाया
- मनमोहन सिंह का योगदान अविस्मरणीय, स्मारक बनेगा, सम्मान मिलेगा
देहरादून, 28 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पंचतत्व में विलीन होने पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। पार्टी ने इस दुख की घड़ी में कांग्रेस से राजनीति न करने की अपील की है।
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नया दिशा देने के साथ ही उच्च पदों पर शालीनता और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। वे हमेशा देश की राजनीति में एक सम्मानित नेता के रूप में याद किए जाएंगे।
भट्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार हमेशा से प्रत्येक संवैधानिक पद की गरिमा का सम्मान करती आई है। उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार में यह है कि हम दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दें।
भट्ट ने यह भी बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हुए सरकार उन्हें उचित सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि उनके सम्मान में एक स्मारक स्थल और समाधि बनाई जाएगी। भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन और भूमि हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा कर समाधि निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पहले ही इस संबंध में जानकारी दे दी थी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के जीवनकाल में उनका सम्मान नहीं किया, वही आज उनके निधन के बाद राजनीति कर रहे हैं। इसके विपरीत पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के निधन पर कांग्रेस ने उनके सम्मान में कोई कदम नहीं उठाया था और उनकी समाधि स्थल की स्थापना भी मोदी सरकार ने की। जबकि देश ने देखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के निधन पर उनका अंतिम संस्कार तक दिल्ली में नहीं होने दिया था। इतना ही नहीं, कांग्रेस भवन में उनके शव को नहीं लाने दिया और 10 वर्ष तक सरकार में रहते कांग्रेस ने कभी कोई स्मारक नहीं बनवाया। उनका समाधि स्थल और उन्हें भारत रत्न देने का काम भी मोदी सरकार ने किया है।
उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि कम से कम इस दुखद समय में वे ऐसी राजनीति से बचें और देश के एक महान नेता को उचित सम्मान प्रदान करें।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण