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कलयुग की विनाश लीला का करें मुकाबला : विज्ञानानंद सरस्वती

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हरिद्वार, 02 सितंबर (हि.स.)। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कलयुग की विनाश लीला बढ़ रही है और मानवता दानवता में परिवर्तित हो रही है। परमार्थ समाप्त हो रहा है और स्वार्थ की भावना बलवती हो रही है। सोमवार को वे विष्णु गार्डन स्थित श्रीगीता विज्ञान आश्रम में मानवता के संरक्षण पर व्याख्यान दे रहे थे।

समाज में बढ़ रहे व्यभिचार, अनाचार और भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान संचार क्रांति समाज की दुश्मन है। टीवी और मोबाइल फोन समाज का सृजन करने के स्थान पर पथ भ्रमित कर रहे हैं। गीता एवं वेदों के पठन-पाठन, श्रवण और अनुकरण का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि सत्य ही सर्व शक्तिमान होता है। उसके सामने झूठ नहीं टिकता है। दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहे खान-पान और रहन-सहन पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म और आध्यात्म को मानने वाले भी उसका अनुसरण नहीं कर रहे हैं।

कलयुग को काल और कलंक का युग बताते हुए उन्होंने कहा कि अब कलयुग का अंत होने वाला है। जिस प्रकार मानव तन पूर्णता की ओर पहुंचते-पहुंचते नाना प्रकार की विसंगतियों से घिर जाता है, उसी प्रकार समय चक्र बदलते-बदलते निम्न स्तर पर पहुंच जाता है। यह प्रकृति का विधान है कि युग परिवर्तन के लक्षण जलवायु परिवर्तन और व्यक्ति की विचारधारा के बदलाव से देखे जा सकते हैं। कलयुग का यह अंतिम चरण चल रहा ह। इसके बाद सतयुग का आगमन होगा।

उन्होंने सभी का आवाहन किया कि सतयुग में प्रवेश की तैयारी करें। धर्म के सापेक्ष आचरण करें और छल-कपट तथा मिलावट खोरी एवं भ्रष्टाचार व अनाचार से दूर रहकर सात्विक जीवनशैली अपनाएं, दूसरे के धन को देखकर लालच न करें। नारायण का स्मरण करें। जहां नारायण का वास होगा वहां माता लक्ष्मी स्वतः ही आ जाएंगी। कर्म प्रधान है और किसी भी फल की इच्छा रखने के लिए उसकी प्राप्ति के प्रयास तो करने ही पड़ते हैं। इस अवसर पर देश के कई प्रांतों से पधारे भक्तों के साथ बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला