एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप: कांस्य पदक के लिए आमने-सामने होंगे भारत और अर्जेंटीना
चेन्नई, 09 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप तमिलनाडु 2025 का समापन पदक के साथ करने के इरादे से मैदान में उतरेगी। भारत 10 दिसंबर को चेन्नई के एगमोर स्थित मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में कांस्य पदक के लिए अर्जेंटीना से भिड़ेगा।
भारत सेमीफाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन जर्मनी के खिलाफ 1–5 की हार के बाद इस मुकाबले में उतर रहा है। हालांकि, इस हार के बावजूद मेजबान टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया है। भारतीय टीम ने ग्रुप चरण में दबदबा बनाते हुए आक्रामक हॉकी का प्रदर्शन किया और अब तक कुल 32 गोल दागे, जिनमें से 29 गोल पूल चरण में ही आए। क्वार्टरफाइनल में भारत ने बेल्जियम के खिलाफ 2–2 की बराबरी के बाद शूटआउट में जीत दर्ज की, जिसमें गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने अहम भूमिका निभाई।
टीम के अब तक के सफर और आगामी मुकाबले की रणनीति को लेकर भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच पीआर श्रीजेश ने कहा, “सेमीफाइनल को छोड़ दें, तो हमने पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया। सेमीफाइनल में पहले क्वार्टर में आसान गोल गंवाने से हम पर दबाव आ गया। अब हमारे लिए जरूरी है कि हम अपनी ताकत को समझें, गलतियों को कम करें और मिले मौकों को गोल में बदलें। ऐसे टूर्नामेंटों में, खासकर नॉकआउट मैचों में, स्कोरबोर्ड का दबाव बहुत अहम होता है। हमें शुरुआत से ही गोल नहीं खाने हैं और पहले क्वार्टर से ही गोल करने के मौके बनाने होंगे, ताकि हम मैच पर पकड़ बना सकें।”
अर्जेंटीना के खिलाफ मुकाबले को लेकर उन्होंने आगे कहा, “कल का मैच करो या मरो जैसा है। खिलाड़ियों को मैदान पर उतरकर सौ प्रतिशत देना होगा। बुनियादी चीजों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। स्टेडियम में बड़ी संख्या में दर्शक होंगे और उनसे जीत की उम्मीद होगी, लेकिन खिलाड़ियों को वर्तमान पर ध्यान केंद्रित रखना होगा। वे सीनियर टीम के ओलंपिक अनुभवों से प्रेरणा ले सकते हैं, जहां सेमीफाइनल हारने के बाद कांस्य पदक जीतना बहुत मायने रखता है। लड़कों को यह बात समझ है और मुझे पूरा भरोसा है कि वे इस मौके पर खरे उतरेंगे।”
दूसरी ओर, अर्जेंटीना भी कांस्य पदक जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेमीफाइनल में स्पेन के खिलाफ उन्हें करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। मुकाबला चौथे क्वार्टर तक बराबरी पर था, लेकिन 56वें मिनट में खाया गया गोल अर्जेंटीना को फाइनल से दूर ले गया।
मैच से पहले अर्जेंटीना के मुख्य कोच जुआन गिलार्डी ने कहा, “हमने इस मैच के लिए पूरी पेशेवर तैयारी की है और पदक जीतने की प्रबल इच्छा है। कांस्य पदक इन बच्चों के लिए एक शानदार तोहफा होगा। ये खिलाड़ी कड़ी मेहनत करते हैं, एकजुट हैं और जोश व जुनून से भरे हुए हैं। उनका उत्साह और ऊर्जा माहौल को सकारात्मक बनाती है, जिससे कोच के तौर पर हमें उन्हें आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। हमने अब तक जो हासिल किया है, उससे हम खुश हैं, लेकिन भारत के खिलाफ अभी एक और बड़ी लड़ाई बाकी है। भरे हुए स्टेडियम में बड़े दर्शकों के सामने खेलना एक ऐसा अनुभव होगा, जिसे हम कभी नहीं भूलेंगे।”
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

