अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस: राज्यस्तरीय वृद्धजन सम्मान समारोह में 39 वृद्धजनों एवं 8 स्वयंसेवी संस्थाओं का किया सम्मान
जयपुर, 1 अक्टूबर (हि.स.)। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने कहा कि बुजुर्गों के सम्मानपूर्वक जीवन के लिए सभी को मिलकर समन्वित प्रयास करने होंगे। रिटायरमेंट लाइफ के बाद बुजुर्ग सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सक्षम रहें यह भी जरूरी होता है। उनके साथ भावनात्मक संबंध बने रहे और उम्र बढ़ने के साथ होने वाले रोगों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए ताकि बीमारियों से जितना हो सके बचा जा सके।
रांका अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर जयपुर स्थित हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित राज्यस्तरीय वृद्धजन सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में 60 वर्ष से अधिक 11 प्रतिशत व्यक्ति है और बेहतर चिकित्सा सेवाओं से यह प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा की बुजुर्गों के जीवन को सुगम्य बनाने के लिए राज्य सरकार की योजनाओं और हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूक करने जी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भौतिकतावाद के साथ हमारे सामाजिक−सांस्कृतिक मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। रांका ने कहा कि वृद्धजनों के प्रति बच्चों व युवाओं को संवेदनशील बनाने, वयोवृद्धों की विशेष देखभाल करने और ध्यान रखने की भारतीय परंपराओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने सम्मानित होने वाले सभी वृद्ध जनों को बधाई देते हुए कहा कि युवाओं को बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि इनके अनुभव युवाओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए दिशा प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम में वृद्ध कल्याण, सांस्कृतिक, कला, सामाजिक, साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाले 39 वृद्धजनों एवं वृद्ध कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाले 8 स्वयं सेवी संगठनों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
समारोह में वृद्धजनों को आवश्यक सहायक उपकरण भी वितरित किए गए और उपिस्थत सभी लोगों को बुजुर्गों के सम्मान के लिए प्रतिज्ञा भी दिलाई गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश