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कृषि योग्य भूमि किसी भी स्थिति में नहीं बेचकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें किसान

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कृषि योग्य भूमि किसी भी स्थिति में नहीं बेचकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें किसान


बीकानेर, 1 अक्टूबर (हि.स.)। बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि किसान कृषि योग्य भूमि किसी भी स्थिति में नहीं बेचकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि कई बार किसान लोभ में आकर कृषि योग्य भूमि को बेच देता है। इससे वह भावी पीढ़ी के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का कार्य करते हैं। विधायक व्यास स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए पेमासर गांव में अखिल भारतीय समन्वित खरीफ दलहन परियोजना के अंतर्गत मोठ की उन्नत किस्म आरएमओ 2251 को लेकर आयोजित प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किसानों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सीईओ जिला परिषद सोहन लाल और पेमासर सरपंच व सरपंच एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष तोलाराम कूकणा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की। कार्यक्रम में अतिथियों ने पेमासर गांव के किसानों को सरसों के उन्नत बीज आरएच 725 का भी वितरण किया।

विधायक व्यास ने कहा कि एसकेआरएयू के कुलपति डॉ अरुण कुमार सकारात्मक सोच के व्यक्ति हैं और किसानों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होने कहा कि फसलों की उन्नत किस्मों का अधिकतम उपयोग कर लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि अब तो राजस्थान में खजूर, अनार समेत विभिन्न किस्म के फल, सब्जियों की खेती हो रही है। अब वो दिन दूर नहीं जब सेव, बादाम, पिस्ता की भी यहां खेती होने लगेगी।

विशिष्ट अतिथि सीईओ जिला परिषद सोहन लाल ने कहा कि एसकेआरएयू कुलपति डॉ अरूण कुमार कोई भी कार्यक्रम हो, हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं। लिहाजा जिला परिषद भी गांव के विकास में सरपंच के साथ मिलकर गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। विशिष्ट अतिथि पेमासर सरपंच और सरपंच एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष तोलाराम कूकणा ने कहा कि प्राइवेट कंपनियों के बीज बाजार में महंगे मिलते हैं। वहीं कृषि विश्वविद्यालय की ओर से वितरित किए गए बीज उच्च गुणवत्ता के होने के कारण सीधा लाभ किसानों को मिलता है।

कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने पेमासर गांव को गोद लिया है। लिहाजा गांव के सरपंच,जिला परिषद और स्थानीय लोगों के सहयोग से गांव का चहुंमुखी विकास किया जाएगा। समय समय पर किसानों को विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी दी जाएगी। प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम के आयोजक और कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एल.एल.देशवाल ने मोठ के आर्थिक महत्व व कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मोठ की आरएमओ 2251 वैरायटी के 10 हेक्टेयर में कुल 25 किसानों के प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लगाए गए। साथ ही बीज उपचार, संतुलित खाद प्रयोग, कीट रोग नियंत्रण इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। किसान श्री रामकिशन ने बताया कि उनके खेत में मोठ की किस्म आरएमओ 2251 लगाई गई है। बारिश को करीब एक महीना हो गया लेकिन अब भी फसल हरी है। मोठ की फली भी साइज में बड़ी और भरपूर मात्रा में है।

इससे पूर्व कार्यक्रम में प्रसार निदेशक डॉ पी.एस.शेखावत ने कृषि प्रसार की उपलब्धियां एवं सरसों फसल की उन्नत शस्य क्रियाओं के बारे में, अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने कृषि अनुसंधान की उपलब्धियां, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमला ढुकवाल ने मोठ के मूल्य संवर्धन एवं महिला विकास की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन पेमासर गांव के समन्वयक डॉ राजेश कुमार वर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापन पेमासर गांव के नोडल अधिकारी डॉ वाई.के.सिंह ने किया। मंच संचालन डॉ केशव मेहरा ने किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों के साथ बड़ी संख्या में गांव के स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव