संसद में चिंतन और पश्चाताप की बातें करते हुए सांसदों से अच्छे व्यवहार की अपील की: पीएम
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में चल रहे अंतरिम बजट सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने सांसदों से आदतन हुड़दंग और लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करने की बजाय चिंतन और पश्चाताप करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने सत्र की शुरुआत में सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को कड़ी सीख देने का प्रयास किया और उन्हें अच्छे व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया।"यह बजट सत्र उत्तम से उत्तम व्यवहार करने का अवसर है। हमें यहां आकर देश के विकास के लिए बेहतरीन नीतियों पर चर्चा करनी चाहिए," उन्होंने कहा।प्रधानमंत्री ने भी बताया कि उनका इस सत्र के दौरान पहला संबोधन था, जिसमें उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और '2024 की राम-राम' के संबोधन के साथ अपने बयान की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में सबने अपने-अपने हिसाब से अपना-अपना काम किया, लेकिन सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को कोई याद नहीं रखता। उन्होंने सदन में आदतन हुड़दंग, हंगामा और लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करने वाले सांसदों को कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि वर्तमान लोक सभा के इस आखिरी बजट सत्र में ऐसे सांसद चिंतन और पश्चाताप जरूर करेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उनके अपने संसदीय क्षेत्र में किसी को उनका नाम भी याद नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय पर पूर्ण बजट पेश नहीं किया जाता, इसलिए उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए इस सत्र में सरकार अंतरिम बजट पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद सरकार पूर्ण बजट लेकर आएगी। नारी शक्ति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण और कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट पेश करना नारी शक्ति के साक्षात्कार का अवसर है।