प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से दोहन होने पर पूर्वोत्तर बन सकता है आर्थिक हब : हिमंत

गुवाहाटी, 27 जून (हि.स.)। गुवाहाटी के सोनापुर स्थित मेफेयर रिज़ॉर्ट में शुक्रवार को दो दिवसीय द्वितीय उत्तर-पूर्व खनन और खनिज मंत्री सम्मेलन की शुरुआत हुई। भारत सरकार के खान मंत्रालय की पहल पर आयोजित इस सम्मेलन में खनन क्षेत्र में स्थायित्व और पूर्वोत्तर के विकास पर मंथन हो रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय राज्य मंत्री (खनन) सतीश चंद्र दुबे तथा असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा शामिल हुए। सम्मेलन का विषय बहनक्षम खनन के ज़रिए उत्तर-पूर्व का सशक्तिकरण है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने अपने भाषण में कहा कि “उत्तर-पूर्व और विशेषकर असम की खनिज संपदा का ऐतिहासिक महत्व है। यदि हम इन संसाधनों का सही तरीके से दोहन करें, तो यह क्षेत्र देश का आर्थिक हब बन सकता है।” उन्होंने कहा, “राज्यों को केंद्र सरकार का सहयोग करते हुए आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। सिर्फ दूसरों पर निर्भर रहकर विकास संभव नहीं है।”
सम्मेलन में पूर्वोत्तर राज्यों के खनन और खनिज विभाग के मंत्री और अधिकारी शामिल हुए। यह सम्मेलन शनिवार को भी जारी रहेगा जिसमें टिकाऊ खनन नीतियों, निवेश संभावनाओं और राज्यों के बीच समन्वय पर विस्तार से चर्चा होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश