सीआईएसएफ की पहल से हवाई अड्डों पर यात्रियों को मिलेगी और अधिक सुरक्षा व सुविधा

नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। देश में हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सहज और यात्री-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला शुक्रवार को एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय, नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें नागरिक उड्डयन और वीआईपी सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न प्रमुख एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यशाला में सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 69 हवाई अड्डों के सुरक्षा प्रमुखों, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस, आव्रजन ब्यूरो, विशेष सुरक्षा समूह, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड सहित कई एजेंसियों और प्रमुख एयरलाइनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस पहल का उद्देश्य केवल हवाई अड्डों की सुरक्षा को सुदृढ़ करना ही नहीं, बल्कि यात्रियों को बेहतर अनुभव देना भी था। कार्यशाला में ऐसे कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ, जिनका सीधा प्रभाव यात्रियों की यात्रा पर पड़ेगा। हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच अब और तेज तथा सुगम होगी। प्रवेश के समय चेहरे की पहचान और वाहनों के लिए नंबर प्लेट पहचान प्रणाली के उपयोग से सुरक्षा में मजबूती आएगी और यात्रियों को लंबी कतारों से राहत मिलेगी।
इसके साथ ही, हवाई अड्डे पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों– चाहे वह सुरक्षा अधिकारी हों या एयरलाइन कर्मचारी– को एक समान प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। इससे हवाई अड्डों पर यात्रियों को एक समान और पेशेवर व्यवहार का अनुभव मिलेगा।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर भी गहन चर्चा हुई। उन्नत सुरक्षा रणनीतियों और नई तकनीकों के इस्तेमाल से ऐसे व्यक्तियों की यात्रा और अधिक सुरक्षित बनाई जाएगी, बिना आम यात्रियों की सुविधा में कोई बाधा डाले।
यात्रियों की शिकायतों के समाधान के लिए भी तंत्र को अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनाया जाएगा। विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ, तकनीक के माध्यम से शिकायतों का तेजी से समाधान किया जाएगा, जिससे यात्रियों का भरोसा और संतुष्टि दोनों बढ़ेगी। सुरक्षा के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आंकड़ों के विश्लेषण जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर भी जोर दिया गया। इससे संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाना और त्वरित कार्रवाई करना संभव होगा।
सीआईएसएफ के विशेष महानिदेशक प्रवीर रंजन ने इस कार्यशाला को समय की मांग बताया और कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में विमानन सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर ज्ञान वृद्धि और नवाचार की आवश्यकता है। वहीं, महानिरीक्षक विजय प्रकाश ने सुरक्षा को और प्रभावशाली बनाने के लिए जमीन से जुड़ी सूचनाओं, आपसी समन्वय और तकनीक के बेहतर उपयोग की बात कही।
कार्यशाला में आमंत्रित विशेष अतिथि नागरिक उड्डयन महानिदेशक फैज अहमद किदवई ने भी सभी एजेंसियों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिल सके। कार्यशाला का समापन करते हुए सीआईएसएफ के महानिरीक्षक जोस मोहन ने कहा कि यह विचार-विमर्श कोई समाप्ति बिंदु नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा को मानकीकृत और यात्रियों के अनुकूल बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार