महाराष्ट्र के नंदुरबार इलाके में एक आदिवासी महिला के शरीर को उसके पिता ने 44 दिनों तक नमक के गड्ढे में रखा हुआ था. दरअसल, पिता ने आरोप लगाया है कि मौत से पहले उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया और इसका दूसरा पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए. पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि 21 वर्षीय महिला का शव गुरुवार को नंदुरबार जिले से मुंबई के सरकारी J. J अस्पताल लाया गया. उन्होंने आगे कहा, 'एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स की एक समिति बनाई जा रही है और शुक्रवार को दोबारा पोस्टमार्टम होने की संभावना है. उन्होंने आगे बताया कि इस पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी जाएगी. अधिकारियों ने आगे बताया कि महिला का शव 1 अगस्त को नंदुरबार के धाड़गांव तालुका के वावी में लटका हुआ मिला था. महिला के पिता ने दावा किया था कि उसकी बेटी के साथ 4 लोगों ने बलात्कार किया. नंदुरबार के एक सरकारी अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम किया गया, जिसकी रिपोर्ट में रेप से जुड़ी हुई कोई बात सामने नहीं आई. उन्होंने आगे बताया कि इसे लेकर आत्महत्या का मामला दर्ज किया गया. ध्यातव्य है कि इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस पर मामले की ठीक से जांच नहीं करने का लगा आरोप
मृतक महिला के पिता सहित परिवार के दूसरों सदस्यों ने पुलिस पर मामले की ठीक से जांच नहीं करने का संगीन आरोप लगाया. ध्यातव्य है कि उन्होंने महिला के शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय उसे सुरक्षित रखने का फैसला किया. परिवार के लोगों ने महिला के शव को अपने गांव में नमक से भरे गड्ढे में दफना दिया. गांव वाले उसकी मौत की सच्चाई सामने लाने के लिए दूसरे पोस्टमार्टम की मांग करने लगे. एक और पोस्टमॉर्टम करने के लिए सहमत हुए अधिकारी
जानकारी के लिए बता दूं कि नमक का इस्तेमाल अपघटन की प्रक्रिया को रोकने के लिए किया जाता है. पुलिस ऑफिसर ने मीडिया सूत्रों को बताया, 'शरीर को हफ्तों तक नमक के गड्ढे में रखा गया था, जिसे देखकर अधिकारी मुंबई में एक और पोस्टमॉर्टम करने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्ट के लिए गुरुवार दोपहर जे जे अस्पताल लाया गया.