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स्व. देवेन्द्र भाई की प्रेरणादायक सीख हम सबके लिए आदर्शः मंत्री तोमर

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स्व. देवेन्द्र भाई की प्रेरणादायक सीख हम सबके लिए आदर्शः मंत्री तोमर


- ऊजा मंत्री तोमर के भाई स्व. देवेन्द्र सिंह की पहली पुण्यतिथि पर ग्वालियरवासियों ने दी श्रद्धांजलि

ग्वालियर, 09 दिसम्बर (हि.स.)। नगर निगम परिषद के पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. देवेन्द्र भाई की प्रेरणादायक सीख हम सबके लिए एक आदर्श है। उनके अधूरे सपनों को साकार करने और जनसेवा के प्रति हम सभी कटिबद्ध हैं। यह बात मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंगलवार को अपने ज्येष्ठ भ्राता स्व. देवेन्द्र सिंह तोमर की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर ग्वालियर में उनकी समाधि स्थल पुरानी छावनी अटल द्वार की समीप आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मौजूद परिजनों एवं वक्ताओं से कही।

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री तोमर के परिवार के सभी सदस्यों- सतेन्द्र सिंह तोमर, रिपुदमन सिंह तोमर (सागर भैय्या), सूर्य प्रताप सिंह तोमर (हितांशु भैय्या) के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों, नगर के वर्तमान और पूर्व पार्षदों ने देवेन्द्र सिंह तोमर की समाधि पर सीताराम धुन का वाचन किया। इसके बाद सभी ने स्व. देवेन्द्र सिंह तोमर की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में ऊर्जा मंत्री तोमर ने अपने ज्येष्ठ भ्राता के विचारों, कार्यशैली और उनके साथ बिताए पलों का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी विरासत प्रेरणादायक है और उनके अधूरे सपनों को पूरा करना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि देवेन्द्र भाई साहब ने सदैव जनता के हितों के लिए लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि जनता से उनका जीवंत रिश्ता बना रहा। वह सही मायनों में सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के लिए प्रतिबद्ध थे। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं, मेरा तेरा उनसे कोसों दूर था। राजनीतिक जीवन में वह हर किसी के लिए सहज और सुलभ रहे। मंत्री तोमर ने कहा कि नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए देवेन्द्र भाई साहब का हमेशा से सुशासन पर जोर रहा। उन्होंने ग्वालियर को विकसित शहर बनाने के लिए विदेश यात्राएं भी की और वहां के अनुभवों को नगर निगम परिषद की चर्चाओं में साझा किया। देवेन्द्र भाई साहब आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके कार्य, समाज के लिए उनकी प्रतिबद्धता, जनसेवा आज भी हमें उनसे रूबरू कराती हैं। उनका नागरिकों के साथ जुड़ाव इतना अधिक था कि हर नागरिक सुख-दु:ख में सदैव उससे जुड़े रहते थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर