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पंद्रह दिन में दो हजार मीट्रिक टन करनी होगी गेहूं की स्टॉक लिमिट

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- व्यापारी संशोधित सीमा अनुसार करें गेहूं का स्टॉक : खाद्य मंत्री राजपूत

भोपाल, 21 सितम्बर (हि.स.) । मध्यप्रदेश में गेहूं के दाम स्थिर रखने और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा तय करने के पूर्व में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों में नई अधिसूचना द्वारा थोक विक्रेता/व्यापारी की अधिकतम स्टॉक क्षमता एवं प्रोसेसर्स की मासिक स्थापित क्षमता में संशोधन किया गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शनिवार को बताया कि संशोधित आदेशानुसार 9 सितम्बर से 15 दिनों के भीतर व्यापारी व थोक विक्रेता को गेहूं का स्टॉक 2000 मिट्रिक.टन तक लाना है। इसी प्रकार प्रोसेसर्स का स्टॉक भी उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2024-25 के शेष महीनों की संख्या से गुणा करने पर आने वाली मात्रा के समतुल्य से अधिक नहीं रखना है। मंत्री राजपूत ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तय सीमा से अधिक रखे अनाज को जब्त किया जाएगा। भंडारण को लेकर विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल मीना मालाकार ने बताया कि इस संबंध में राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश गेहूं नियंत्रण आदेश को अधिसूचित किया गया है तथा स्टॉक सीमा का उल्लंघन पाये जाने पर सक्षम अधिकारियों को प्रवेश तलाशी एवं अभिग्रहण आदि की शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने भोपाल जिले के सभी गेहूं व्यापारियों, थोक विक्रेताओं से कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दी गई सीमा अनुसार ही गेहूं का स्टॉक संधारित करें। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर मध्यप्रदेश गेहूं नियंत्रण आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत