शिवपुरी : गांव का रास्ता ऐसा कि कंधों पर बस्ता, हाथ में चप्पल उठाकर जाते हैं स्कूली बच्चे
शिवपुरी, 21 सितंबर (हि.स.)। शिवपुरी जिले के पिछोर जनपद पंचायत के पिपारा पंचायत के लोग इस समय खराब सड़क से परेशान हैं। यहां पर हालत यह है कि ग्रामीणों के अलावा स्कूली बच्चे भी यहां पर कीचड़ भरे रास्ते निकलने को मजबूर हैं। इस गांव का कीचड़ भरा रास्ता यहां के कथित विकास की पोल खोल रहा है। पिछोर विधानसभा में पिपारा मुख्य गांवों में से एक है लेकिन इस गांव को आने-जाने का रास्ता तक खराब है। बारिश के दिनों में तो यह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है। यहां बारिश के मौसम में ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां सड़क निर्माण कराने की कई शिकायत सरपंच-सचिव से कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
कंधों पर बस्ता, हाथ में चप्पल लेकर स्कूल जाते हैं बच्चे-
पिपारा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यहां बच्चों को इसी तरह हर रोज बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता हैं। कंधो पर स्कूली बैग और हाथ में जूते-चप्पल लेकर हर रोज करीब 100 मीटर से अधिक कीचड़ से भरे रास्ते से बच्चों को गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं जो स्कूली बच्चे बहुत छोटे होते हैं, उन्हें परिजन अपने कंधों पर बैठाकर स्कूल छोड़ने जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीण बोले- नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं-
ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। कंधे पर बैठाकर अपने नाती को स्कूल छोड़ने जाते वक्त बद्री पाल ने बताया कि सालों से खराब पड़ी सड़क को नहीं बनाया गया है। बच्चों की पढ़ाई में सड़क रोड़ा बनी हुई है। इसी के चलते उन्हें हर रोज बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेने जाना पड़ता है। ग्रामीण फूलसिंह बताते हैं कि सड़क निर्माण कराने की कई शिकायत सरपंच-सचिव से कर चुके हैं। लेकिन सड़क निर्माण का पैसा न आने की बात कहकर टाल दिया जाता हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रंजीत गुप्ता