home page

अच्छा काम करने वालों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन बड़ी होती है उनकी ताकतः मंत्री पटेल

 | 
अच्छा काम करने वालों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन बड़ी होती है उनकी ताकतः मंत्री पटेल


- स्वच्छता पर संवाद के कार्यक्रम में पंचायत मंत्री ने सरपंचों से किया स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने का आग्रह

जबलपुर, 21 सितंबर (हि.स.)। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पंचायत प्रतिनिधियों से स्वच्छता अभियान को आंदोलन का रूप देने का आग्रह करते हुये कहा कि इसके लिये हर एक को अपने भीतर के सामर्थ्य को पहचानना होगा, स्वाबलंबी बनना होगा तथा कर्तव्य बोध और फल की चिंता किये बिना समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझकर अपने क्षेत्र को स्वच्छता के शीर्ष पर लाने के निरंतर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वालों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन उनकी ताकत बड़ी होती है।

मंत्री पटेल शनिवार को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत मानस भवन में जिले के सरपंचों के साथ स्वच्छता संवाद के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सांसद आशीष दुबे की अध्यक्षता में आयोजित सरपंचों के साथ स्वच्छता संवाद के इस कार्यक्रम में विधायक सुशील तिवारी इंदु, नीरज सिंह, डॉ अभिलाष पांडे, अशोक रोहाणी एवं संतोष वरकडे, जिला पंचायत अध्यक्ष आशा मुकेश गोंटिया, जिले की सभी जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य तथा ग्राम पंचायतों के सचिव एवं रोजगार सहायक भी मौजूद थे।

मंत्री पटेल ने संवाद के कार्यक्रम में स्वच्छता ही सेवा अभियान का जिक्र करते हुये कहा कि पन्द्रह दिन का अभियान आंदोलन का हिस्सा हो सकता है। इसे आंदोलन बनाने के लिये हमें अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा, स्वच्छता को स्वभाव में ढालना होगा, इसे आदत बनाना होगा और निरन्तरता भी प्रदान करनी होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दिखावे की चीज नहीं हो सकती, यदि किसी का स्वभाव गंदगी से लड़ने का है तो वह कहीं भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने स्वच्छता को स्वास्थ्य और स्वालंबन की गारंटी बताया। मंत्री पटेल ने कहा कि यदि हम उन कार्यों को करने लगे जिन्हें करना हम कष्टकारक मानते हैं, अपने उत्तरदायित्वों और जरूरतों को पूरा करने में सक्षम महसूस करने लगे तो यह स्वालंबन है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता महान कार्य है जो जीवन को संबल देता है और सफलता पाने का विश्वास भी जगाता है।

उन्होंने स्वच्छता कर्मियों के सम्मान करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान का जिक्र करते हुये कहा कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी इसपर सभी को विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि जो काम दो-तीन पीढ़ी पहले हम स्वयं किया करते थे और आज कष्टकारक लगने लगे हैं, उन्हें अब कोई और कर रहा है तो उनका सम्मान किया ही जाना चाहिए, वे इसके हकदार भी हैं। पटेल ने कार्यक्रम में सरपंचों से अपनी पंचायतों को स्वच्छ बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि आज से ही तय कर लें कि अपने क्षेत्र में कहीं भी गंदगी नहीं होने देंगे। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान को आंदोलन का रूप देने और इसे निरन्तरता प्रदान करने का अनुरोध भी सरपंचों से किया।

सांसद आशीष दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि कहा कि स्वच्छता देश के लिये नया विषय नहीं है। इसके महत्व को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने समझा था और इसे अपने जीवन में भी अपनाया। लेकिन स्वतंत्रता के बाद इससे सरकारों का ध्यान हट गया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से आंदोलन का स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान का ही जनमानस पर यह असर है कि आज बच्चे भी चॉकलेट का रैपर यहां-वहां नहीं फेंकते बल्कि जेब में रखकर बाद में उसे डस्टबिन में ही डालते हैं।

सांसद दुबे ने कहा की स्वच्छता से जन-धन की हानि को भी बचाया जा सकता है। स्वच्छता को देश के आर्थिक विकास में सहायक बताते हुये उन्होंने कहा कि यदि हम स्वस्थ रहेंगे तो धन की हानि रुकेगी और स्वास्थ्य पर लगने वाला धन देश की प्रगति में लगेगा। दुबे ने बताया कि आज धीरे-धीरे वातावरण बदल रहा है, स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता की दिशा में ज्यादा प्रयासों की जरूरत बताते हुये सरपंचों से ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने की अगुवाई करने का अनुरोध किया।

सांसद दुबे ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि देश आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत को समृध्दशाली, वैभव शाली बनाना है तो प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी। नेताओं के भाषण से प्रेरणा तो मिल सकती है, लेकिन क्रांति जन भागीदारी से ही आयेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाने का सपना पूरा करने में स्वच्छता की सबसे बड़ी भूमिका हो सकती है।

स्वच्छता पर संवाद कार्यक्रम को विधायक सुशील कुमार तिवारी इंदु ने संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता ही सेवा के संकल्प को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकारें अपनी तरह से काम करेंगी लेकिन स्वच्छता में जनता की भागीदारी ज्यादा जरूरी है। उन्होंने गांवों में शौचालयों के निर्माण को स्वच्छता की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। आज यदि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी धनराशि लग रही है तो यह स्वच्छता के प्रति बरती गई हमारी लापरवाही का ही परिणाम है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सरपंचों को अपने-अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया। विधायक ने कहा कि जो देश स्वच्छ रहेंगे वही समृद्ध भी बनेंगे।

स्वच्छता कर्मियों का हुआ सम्मान

स्वच्छता पर संवाद के इस कार्यक्रम में मौजूद सभी सरपंचों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्वच्छता कर्मियों का सम्मान किया और उन्हें सेफ्टी किट प्रदान की। जिला पंचायत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के समापन पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल सहित सभी आमंत्रित अतिथियों ने स्वच्छता संकल्प पटल पर हस्ताक्षर किये। सरपंचों के साथ स्वच्छता संवाद के इस कार्यक्रम के समापन पर जिला पंचायत अध्यक्ष आशा मुकेश गोंटिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विलोक

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर