जबलपुर : केंद्रीय बजट को लेकर जनप्रतिनिधियों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं



जबलपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार के बजट को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है। जबलपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद आशीष दुबे ने 2025 के केंद्रीय बजट को देश के समग्र आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखकर बनाया गया जनहितकारी बजट निरूपित किया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में हर वर्ग का पूरा ध्यान रखा गया है और किसान,युवाओं,मध्यम वर्ग को प्राथमिकता देते हुए अनुकूल निर्णय लिए गए हैं।उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तावों से हर वर्ग को बहुत फायदा होगा।सांसद दुबे ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के विकास के ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है तब आज प्रस्तुत बजट भारत को और सशक्त बनाने में मील का पत्थर प्रमाणित होगा।
महाकौशल विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जबलपुर के पूर्व महापौर प्रभात साहू ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आम बजट 2025 पेश किया। इस बजट में मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत है। 12 लाख तक की आय को टैक्स से छूट देने का कार्य मध्यम वर्गीय लोगों को सीधे तौर पर राहत देने वाला कदम है जो कि मिडिल क्लास की बचत और खर्च करने की सीमा बढ़ाएगा और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। प्रभात साहू ने कहा कि केन्द्रीय बजट 2025-26 विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूती देगा। साथ ही, बजट में मेक इन इण्डिया से अब ‘मेक फॉर वर्ल्ड‘ की अवधारणा के साथ देश को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की दिशा दी गई है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस बजट में समावेशी विकास पर विशेष फोकस देते हुए संतुलित विकास का रोडमैप दिया गया है।
वहीं विपक्ष के रूप में कांग्रेस से एकमात्र विधायक और पूर्व मंत्री लखन घंघोरिया के अनुसार किसी भी वर्ग को बजट में रहता नहीं मिली है। 2 करोड लोगों को नौकरी देने की बात की गई थी उसका क्या हुआ। लोग बेरोजगार घूम रहे हैं कई परीक्षाएं कैंसिल हो रही हैं। संस्थाओं का निजीकरण हो रहा है, देश में मध्य वर्गी और निचले वर्ग के लिए बजट में कोई राहत नहीं है। आमजन जीएसटी चुकाते चुकाते परेशान हो चुका है। बच्चा पैदा होता है तो जीएसटी व्यक्ति यदि मरता है तो कफन में भी जीएसटी, किसी को राहत नहीं है। गरीबों को क्या छूट है 12 लाख की आए हर व्यक्ति की नहीं है। किसानों के लिए कुछ खास नहीं है,शंभू बॉर्डर पर आज भी किसान अपनी एमएसपी की मांग कर रहा है। भ्रष्टाचार में खुली छूट है। कुल मिलाकर जनप्रतिनिधियों ने बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक