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अशोकनगर: सार्वजनिक स्थानों पर छलक रहे जाम, 12 से अधिक सुरा प्रेमी गिरफ्तार

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अशोकनगर: सार्वजनिक स्थानों पर छलक रहे जाम, 12 से अधिक सुरा प्रेमी गिरफ्तार


अशोकनगर, 29 सितम्बर (हि.स.)। शासन ने सुरा प्रेमियों के लिए जिले भर में लायसेंसी मदिरा की अनेकों दुकानें तो खोल दीं हैं, जिनसे शासन को सालाना करोड़ों की आय सुरा प्रेमी देते हैं।

सुरा प्रेमियों के द्वारा करोड़ों की आय देने के बाद भी वे सुरा सेवन करने परेशान दिखाई देते हैं। घर में परिजनों, लोकलाज का डर, तो वे और कहीं ठिकाना ढूंढते नजर आते हैं। जब और कहीं ठिकाना दिखाई नहीं देता तो अब सुरा प्रेमी सार्वजनिक स्थानों पर जाम छलका रहे हैं। हां जी हां इस तरह के हालात हैं यहां जिला मुख्यालय और जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के।

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को शहर में पुलिस ने एक दर्जन स्थानों पर सुरा प्रेमियों को अंग्रेजी और देशी मदिरा के जाम छलकाते अपनी पैनी नजर से देखा। जहां सुरा प्रेमी अपनी हैसियत अनुसार कहीं अंग्रेजी तो कहीं देशी प्लेन का डिस्पोजल ग्लास में लुत्फ उठाते पुलिस ने देखा।

शहर में सुरा प्रेमियों के स्थान:

पुलिस ने शहर में जिन सार्वजनिक स्थानों पर सुरा प्रेमियों को सुरा का सेवन करते हुए देखने के बाद उनके विरुद्ध कार्रवाई की, वह स्थान शहर स्थित संजय स्टेडियम के पीछे, पुरानी गल्ला मंडी, नया बस स्टेंड और जेल परिसर हैं। इस तरह इन स्थानों से करीब एक दर्जन सुरा प्रेमियों द्वारा छलकायें जाम को रोकते हुए उनके विरुद्ध आबकारी एक्ट की कार्रवाई की गई।

मुंगावली-चंदेरी में भी पकड़े गए सुरा प्रेमी

जिले के मुंगावली एवं चंदेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत भी सुरा प्रेमियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सुरा सेवन करते हुए पुलिस ने दस सुरा प्रेमियों को पकड़ा। जिनमें पांच मुंगावली और पांच चंदेरी में सार्वजनिक स्थानों पर सुरा सेवन करते हुए सुरा प्रेमी मिले। यहां भी सुरा प्रेमियों को जगह न मिलने के कारण रेल्वे स्टेशन के पास, बस स्टेंड और बहादुरपुर रोड़ , कलारी के पास आदि स्थानों पर देशी-अंग्रेजी के जाम छलकाते हुए पकड़ कर कार्रवाई की गई।

बढ़ रहे सुरा प्रेमी:

जिले में प्रत्येक वर्ष सुरा प्रेमियों की तादाद बढ़ रही है, यह आबकारी विभाग के आंकड़े कहते हैं। शासन ने मोटा राजस्व पाने के लिए मदिरा की लायसेंसी अनेकों दुकानें खोल दी हैं, यहां सुरा प्रेमी करोड़ों रुपये सालाना, शासन को राजस्व दे रहे हैं। करोड़ों का राजस्व देने वालों को सुरा सेवन का उचित स्थान न मिलने से वे सार्वजनिक स्थानों पर सुरा सेवन करते देखे जा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार