भाजपा विधायक ने कांग्रेस की रैली काे बताया नाैटंकी, कहा- कांग्रेस नेता महू में बाबा साहब के अपमान के लिए उनके चरणों में माफी मांगकर प्रायश्चित करें

सागर, 27 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के नरयावली विधायक प्रदीप लारिया ने कांग्रेस की महू में जय भीम-जय बापू-जय संविधान रैली को नौटंकी बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का सदैव अपमान व अनादर किया है। अच्छा होता कि कांग्रेस डॉ. भीमराव अंबेडकर पर किए गए अपने कृत्यों के लिए उनकी जन्मस्थली पर माफी मांगकर प्रायश्चित करती।
विधायक प्रदीप लारिया ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस ने 1952 और 1954 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुनाव में हराने का काम किया। बाबा साहब अंबेडकर का सबसे ज्यादा अपमान कांग्रेस ने ही किया। पं. जवाहरलाल नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार करके चुनाव हराने का काम किया, जिस कारण 1952 के चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से अंबेडकर हार गए थे और उनके मुकाबले नारायण सदोबा काजरोलकर को जीत मिली थी। 1956 में बंडारा लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार ने ही डॉ. अंबेडकर को हराया था। यही नहीं डॉ. अंबेडकर को चुनाव में हराने वाले नारायण सहोबा काजरोलकर को कांग्रेस की सरकार ने 1970 में पद्म भूषण जैसे देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान देकर बाबा साहब के पीठ में छूरा घोंपने का काम किया था। कांग्रेस का नेतृत्व करने वाला पूरा नेहरू-गांधी परिवार अपने लिए भारत रत्न लेता रहा लेकिन भीमराव अंबेडकर को सम्मान नहीं दिया। डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न देने की मांग नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शासनकाल में होती रही लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर को भाजपा समर्थन वाली सरकार के शासनकाल वर्ष 1990 में मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
कांग्रेस ने बाबा साहब की जन्मस्थली एवं स्मारक पर कोई कार्य नहीं किया
विधायक प्रदीप लारिया ने कहा कि जिस संविधान के आधार पर लोकसभा और राज्यसभा चलती हैं उस सभा में कांग्रेस ने कभी भी डॉ. भीमराव अंबेडकर का चित्र नहीं लगाया। भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार के कार्यकाल में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान के सम्मान में चित्र लगाया गया। कांग्रेस ने सदैव नेहरू परिवार को प्राथमिकता दी और डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान और अनादर किया। उन्हाेंने कहा कि राजघाट पर पं. नेहरू और इंदिरा गांधी के समाधि स्थल बनाए गए लेकिन कांग्रेस सरकार ने कभी भी डॉ. अंबेडकर का समाधि स्थल बनाने की पहल नहीं की। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा की भाजपा सरकार ने 14 अप्रैल 1991 में डॉ. अंबेडकर की 100 वीं जयंती पर महू में उनकी जन्मस्थली पर स्मारक की आधारशिला रखी थी। लेकिन इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 10 वर्ष दिग्विजय सिंह के शासनकाल में उनकी जन्मस्थली एवं स्मारक पर एक भी ईंट लगाने की पहल नहीं की गई।
भाजपा सरकारों ने डॉ अंबेडकर से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ बनाया
विधायक प्रदीप लारिया ने कहा कि भाजपा सरकारों ने डॉ अंबेडकर से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ बनाने का काम किया है। प्रदेश में अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन होता है, जिसकी समुचित व्यवस्था व प्रबंधन भाजपा की सरकार कर रही है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभाग भी भारतीय जनता पार्टी शासनकाल में बनाए गए। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के अवसर पर देश में संविधान दिवस बनाने का निर्णय लिया। मध्यप्रदेश में आजादी के बाद दशकों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन कांग्रेस ने उनके जन्मस्थान पर न तो कोई आयोजन किया और न ही कोई स्मारक बनाने की कल्पना की। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब का तिरस्कार और अपमान किया। संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के मूल्यों और सिद्धांतों का चीरहरण कांग्रेस शासनकाल में हुआ था।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे