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चम्बल नदी के जेतपुर घाट पर 21 घडिय़ाल विचरण के लिये किये मुक्त

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चम्बल नदी के जेतपुर घाट पर 21 घडिय़ाल विचरण के लिये किये मुक्त


मुरैना, 30 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य में विलुप्त प्राय: जलीय जीव का संरक्षण व संवर्धन निरंतर किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि अभ्यारण्य में घडिय़ाल की संख्या 2575 के लगभग पहुंच गई है। विगत दिवस ग्वालियर चम्बल संभाग के सीसीएफ टीएस सूलिया द्वारा भी 21 घडिय़ाल अभ्यारण्य के जेतपुर घाट पर विचरण के लिये मुक्त किये। जिसमें 10 नर, 11 मादा घडिय़ाल शामिल हैं। विगत 5 दशक पूर्व विलुप्त प्राय: जलीय जीव घडिय़ाल की विश्व व्यापी खोज में पाये गये 200 जीव में से भारत में 96 घडिय़ाल विभिन्न नदियों में मिले थे। इसमें से चम्बल नदी में 46 घडिय़ाल पाये गये थे।

तात्कालीन समय चम्बल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को राष्ट्रीय चम्बल घडियाल अभ्यारण्य घोषित कर मुरैना के देवरी गांव में घडिय़ाल केन्द्र स्थापित किया गया। मादा घडिय़ाल वर्ष एक बार 25 से 55 अण्डे देती है।

प्रतिवर्ष नदी के विभिन्न घाटों से लाये गये 200 अण्डों को प्राकृतिक वातावरण में रखकर हेचिंग कराई जाती है। इन शावकों को अधिकतम 3 वर्ष अथवा एक मीटर बीस सेन्टीमीटर की लम्बाई होने पर अभ्यारण्य के विभिन्न रेत घाटों पर विचरण के लिये मुक्त किया जाता है।

प्राकृतिक वातावरण में घडिय़ाल की जीवन दर 2 प्रतिशत तथा कृत्रिम वातावरण में 50 फीसदी बताई जाती है। इस वर्ष नदी के विभिन्न घाटों पर 16 नर तथा 62 मादा कुल 78 घडिय़ाल विचरण के लिये मुक्त किये हैं। कुछ समय में ही 20 घडिय़ाल और मुक्त किये जाने हैं। घडिय़ाल विमोचन उपरांत उनकी पूंछ पर लगाये गये टैंग के माध्यम से लगभग एक वर्ष तक सतत निगरानी की जाती है। इनकी गतिविधियां, जीवन यापन, भोजन, आवास का अवलोकन किया जाता है।

इस अवसर पर सीसीएफ के साथ जिला वन मण्डल अधिकारी सुजीत पाटिल चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य मुरैना के अधीक्षक श्यामसिंह चौहान, भिण्ड अधीक्षक भूरा गायकवाड़, श्योपुर अधीक्षक योगेन्द्र कुमार पारधे, सबलगढ़ उप वन मण्डल अधिकारी कुलदीप राजोदिया, गेम रेंजर देवरी श्रीमति रिंकी आर्य, घडिय़ाल विशेषज्ञ ज्योति डण्डौतिया, रवि तोमर, सोनू शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा