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शिमला में शांति-सौहार्द के लिए संगोष्ठी, हिमाचल फॉर पीस एंड हार्मनी फोरम की पहल

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शिमला में शांति-सौहार्द के लिए संगोष्ठी, हिमाचल फॉर पीस एंड हार्मनी फोरम की पहल


शिमला, 09 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश में शांति, भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘हिमाचल फॉर पीस एंड हार्मनी फोरम’ के बैनर तले मंगलवार को शिमला में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में शिमला शहर के कई जनवादी और प्रगतिशील संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और देश व प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिक सौहार्द और संविधान की रक्षा का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में अनेक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में फोरम के संयोजक डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि हाल के समय में राजधानी शिमला में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली घटनाएं चिंताजनक हैं, जिनसे न केवल प्रदेश की छवि खराब हुई है बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी खतरा पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि शिमला और हिमाचल में रोजमर्रा की जरूरतों के कई काम अल्पसंख्यक समुदाय पर निर्भर हैं और सांप्रदायिक तनाव से उनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ सेब उद्योग पर भी ऐसे तनाव का असर दिखाई दिया है, क्योंकि सेब खरीदने आने वाले कई व्यापारी प्रदेश में नहीं पहुंचे।

पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि देश का संविधान धर्म, जाति, क्षेत्र और नस्ल के आधार पर भेदभाव की अनुमति नहीं देता, लेकिन सांप्रदायिक ताकतें लगातार नफरत और हिंसा का माहौल बनाती हैं। उन्होंने जनता की एकता को ही ऐसे प्रयासों का जवाब बताया। पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि हिमाचल हमेशा भाईचारे और शांति की मिसाल रहा है, लेकिन हाल की घटनाओं ने राज्य की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने सभी नागरिकों से मानवता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की अपील की।

अल्पसंख्यक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी कहा कि हिमाचल की शांति और एकता को कमजोर करने वाली गतिविधियों का डटकर विरोध किया जाएगा और जनता से सौहार्द बनाए रखने की अपील की।

संगोष्ठी में मौजूद संगठनों ने वचन लिया कि वे धर्म, जाति, क्षेत्र और नस्ल से ऊपर उठकर देश की एकता, भाईचारे, अमन और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करेंगे। फोरम ने घोषणा की कि 25 मार्च 2026 को शिमला में शांति और सद्भाव के लिए राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में पहले जिला स्तरीय फोरम गठित किए जाएंगे और संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा