आंगनवाड़ी केंद्रों में भी की जा सकती है घरेलू हिंसा की शिकायत
हमीरपुर, 30 नवंबर (हि.स.)। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम-2005 के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग ने शनिवार को हमीरपुर के गांव चकमोह में जागरूकता शिविर आयोजित किया। इस शिविर की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार ने की।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम-2005 एक प्रभावी कानून है, जिसे 26 अक्तूबर, 2006 से लागू किया गया। यह अधिनियम घरेलू हिंसा के शिकार महिलाओं को सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि शारीरिक हिंसा, यौन उत्पीड़न, अपमान, डराने-धमकाने और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच को रोकने जैसे कृत्य घरेलू हिंसा की श्रेणी में आते हैं। इस अधिनियम के तहत पीड़ित महिलाएं सुरक्षा, निवास, और राहत के लिए आदेश प्राप्त कर सकती हैं। महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों में शिकायत दर्ज करवा सकती हैं, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई की जाती है।
इस अवसर पर जिला समन्वयक कल्पना ठाकुर ने सखी वन स्टॉप सेंटर और संकल्प हब के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को एक छत के नीचे कानूनी, चिकित्सा और काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
शिविर में ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ घरेलू हिंसा से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की गई। महिलाओं को बताया गया कि वे किसी भी तरह की हिंसा या उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकती हैं और उन्हें अपने अधिकारों के लिए आगे आना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा