गुरुग्राम: फाउंड्री वन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम: अमिताभ कांत
-नवाचार एवं उद्यमिता के लिए आईआईएलएम यूनिवर्सिटी ने लॉन्च किया फाउंड्री वन
गुरुग्राम, 5 नवंबर (हि.स.)। आईआईएलएम यूनिवर्सिटी ने फाउंड्री वन-इनोवेशन हब एंड एक्सेलरेटर का अपने परिसर में शुभारंभ किया। इसे गुरुग्राम में प्रस्तावित तीन लाख वर्ग फुट के विश्वस्तरीय नवाचार परिसर के रूप में तैयार किया जाएगा, जिसमें छात्र, शोधकर्ता, उद्यमी, मेंटर्स और निवेशक एक साथ मिलकर एआई, डीप टेक, हेल्थकेयर, डिफेंस, बायोटेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देंगे।
इस अवसर पर मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आर. सी. भार्गव, शिक्षाविद् एवं पूर्व निदेशक स्टेप बाय स्टेप स्कूल नोएडा से अभा एडम्स, डिजाइनर, क्यूरेटर एवं चेयरमैन एशियन हेरिटेज फाउंडेशन राजीव सेठी और उद्यमी एवं समाजसेवी अभा डालमिया को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। फाउंड्री वन ऐसा मॉडल है, जो विश्वविद्यालयों को केवल शिक्षण संस्थान से आगे बढ़ाकर सृजन के केंद्र में बदल देगा। यह हब आईआईटी दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मार्गदर्शन और उद्योग जगत के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इस समारोह में जी20 शेरपा और पूर्व सीईओ नीति आयोग अमिताभ कांत ने कहा कि आईआईएलएम यूनिवर्सिटी में फाउंड्री वन का शुभारंभ आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से जुड़ी भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है। ऐसा भारत जो नेतृत्व में दृढ़, उद्देश्य में अडिग और कार्य में निरंतर है।
मिशन डायरेक्टर अटल इनोवेशन मिशन नीति आयोग दीपक बगला ने फाउंड्री वन को अकादमिक और उद्योग जगत के बीच एक सशक्त सेतु बताया, जो भारत के वैश्विक नवाचार नेतृत्व की बढ़ती आत्मविश्वास का प्रतीक है। एफआईटीटी-आईआईटी दिल्ली के प्रबंध निदेशक डॉ. निखिल अग्रवाल ने कहा कि फाउंड्री वन भारत की नवाचार यात्रा का अगला चरण है, जो अकादमिक उत्कृष्टता को व्यावहारिक प्रभाव से जोड़ता है। एफआईटीटी अब आईआईएलएम को मेंटरशिप, अनुसंधान और तकनीकी मार्गदर्शन के माध्यम से सहयोग देगा, ताकि स्टार्टअप्स स्थानीय समस्याओं का समाधान करते हुए वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ सकें। आईआईएलएम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर (डॉ.) राहुल सिंह ने कहा कि यह पहल भारतीय उच्च शिक्षा के लिए एक नया अध्याय है। एफआईटीटी-आईआईटी दिल्ली के मार्गदर्शन से हमारे छात्रों को विश्वस्तरीय शोध, प्रयोगशालाओं और मेंटर्स तक पहुंच मिलेगी। फाउंड्री वन छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ नवाचार करने का अवसर देता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

