home page

जैविक खेती के प्रतीक बने थानेंद्र साहू, मिलेगा डा खूबचंद बघेल पुरस्कार

 | 
जैविक खेती के प्रतीक बने थानेंद्र साहू, मिलेगा डा खूबचंद बघेल पुरस्कार


धमतरी, 5 नवंबर (हि.स.)। कृषि नवाचार और उन्नत खेती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले धमतरी जिले ने एक बार फिर गौरव हासिल किया है। जिले के ग्राम हथबंध, विकासखंड कुरूद के उन्नतशील एवं जैविक कृषक थानेंद्र साहू का चयन राज्यस्तरीय डाॅ खूबचंद बघेल पुरस्कार के लिए किया गया है। यह पहला अवसर है जब धमतरी जिले से किसी कृषक का चयन इस प्रतिष्ठित राज्यस्तरीय सम्मान के लिए हुआ है। उनका सम्मान पांच नवम्बर को राजधानी रायपुर में आयोजित राज्योत्सव समारोह में किया जाएगा।

धमतरी जिला लंबे समय से कृषि नवाचार और प्राकृतिक खेती के लिए जाना जाता है, जिसे “धनहा धमतरी” के नाम से भी प्रसिद्धि प्राप्त है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए थानेंद्र साहू ने न केवल जैविक खेती को अपनाया, बल्कि अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बने हैं। 33 वर्षीय युवा कृषक साहू के पास कुल 6.156 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें 4.16 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न सुगंधित और औषधीय धान जैसे नगरी दूबराज, देवभोग, तुलसी मंजरी, जंवाफूल, कबीर भोग, रेड राइस एवं ब्लैक राइस की खेती की जाती है। इन विशेष किस्मों की बाजार में सालभर मांग बनी रहती है और इनका विक्रय प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है। साहू द्वारा खेत की मेड़ों पर दलहन, तिलहन और उद्यानिकी फसलें भी ली जाती हैं। वे पूरी तरह से गौ-आधारित जैविक खेती अपनाते हैं और जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र एवं अग्न्यास्त्र जैसे जैविक आदान स्वयं तैयार करते हैं। इससे खेती की लागत में कमी आई है और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव भी घटा है। उनके अनुभव के अनुसार, जहां पहले प्रति एकड़ उत्पादन लागत 15,000 हजार रुपये थी, वहीं जैविक खेती से यह घटकर लगभग 7,500 हजार रुपये रह गई है।

साहू ने कृषि विभाग की आत्मा योजना से प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा अपने ग्राम में नव युवक कृषक अभिरुचि समूह का गठन कर युवा कृषकों को जैविक और औषधीय धान की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने मिलेट मिशन के अंतर्गत रागी एवं अन्य लघुधान्य फसलों की भी खेती प्रारंभ की है। इसके साथ-साथ वे पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन और मशरूम उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उनके नवाचार और प्रयासों को देखते हुए उन्हें पूर्व में भी जिला एवं राज्य स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। आत्मा योजना अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह द्वारा भी सम्मानित किया गया था। जैविक खेती के क्षेत्र में थानेंद्र साहू का योगदान धमतरी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के कृषकों के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके चयन से जिले का गौरव बढ़ा है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा