जीवन जागृति सोसायटी के द्वारा सर्पदंश जागरूकता रथ रवाना

भागलपुर, 6 जुलाई (हि.स.)। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के किसान, मजदूर और आम नागरिकों को सर्पदंश को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से जीवन जागृति सोसायटी ने रविवार सर्पदंश जागरूकता एवं बचाव रथ निकला।
इसे संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर भागलपुर के सिविल सर्जन अशोक कुमार, आई सी आई सी आई के प्रबंध निदेशक एवं संस्था के अध्यक्ष डॉ अजय सिंह ने रवाना किया। इस मौके पर डॉ अजय सिंह ने बताया कि अमूमन मात्र 15 प्रतिशत सांप ही विषैले होते हैं। उसमें से भी आधे ड्राई बाइट होता है। यानी काटने के बावजूद जहर शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता है। यानि 93 से 94 प्रतिशत सर्प दंश में विष नहीं लगता है। ऐसे ही मामले को झाड़ फूंक करने वाले लोग अपनी वाहवाही करा लेते हैं और लोग उनके भ्रम जाल में फंस कर उनके पास इलाज कराने चले जाते हैं। यदि विषैले सांप ने काट लिए तो फिर लोगों की मौत हो जाती है। अस्पताल भी जाते हैं तो देर चुकी होती है।
जीवन जागृति सोसायटी के अध्यक्ष शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार सिंह ने लोगों को इन झाड़ फूंक वाले गैर जिम्मेदार लोगों से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से अपील किया कि आप सर्पदंश के तुरंत बाद अस्पताल जाएं और अमूमन 24 घंटे में चिकित्सक आपको घर जाने की सलाह दे देंगे। उन्होंने कहा कि सर्पदंश के उपरांत जो कसकर रस्सी से बांधते थे उसका कोई खास फायदा नहीं है। क्योंकि एक बार विष रक्त में चला गया तो वह सभी महत्वपूर्ण ऑर्गन जैसे मस्तिष्क और किडनी में जाना ही है। एक तो पैर सड़ने की संभावना होती है। दूसरा विष को रोक दिए यह अहसास देर से अस्पताल का कारण होता है। जब उसे खोला जाता है तो विष जल्दी से जीवनदाई अंग में पहुंच कर सांस रोक देता है या हृदय गति रुक जाती है। अतः सांप काटे तो स्प्लिंट बांध दें, चलने नहीं दें, किसी भी गाड़ी से तुरंत नजदीकी खासकर रेफरल अस्पताल ले जाएं। जहां एंटी स्नेक वेनम से इलाज होगा और मरीज बचेगा।
इस बीच डॉ अजय सिंह ने चादर, लाठी और बांस से स्ट्रेचर बनाने की विधि भी बताई। आज के मुहिम में सौरव, संतोष गुप्ता, धर्मेंद्र, चंदन, मृत्युंजय अखिलेश ने सहयोग किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर